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आखिरकार नौ माह बाद सखी सेंटर से रिहा हुई अंजली जैन - Sabguru News
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आखिरकार नौ माह बाद सखी सेंटर से रिहा हुई अंजली जैन

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आखिरकार नौ माह बाद सखी सेंटर से रिहा हुई अंजली जैन
chhattisgarh : Anjali Jain released from Sakhi Center after nine months
chhattisgarh : Anjali Jain released from Sakhi Center after nine months

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सखी सेंटर में पिछले नौ माह से पुलिस की निगरानी में रही अंजली जैन को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आज पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसके पति आर्यन उर्फ इब्राहिम के सुपुर्द कर दिया गया।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के रहने वाली अंजली जैन (23) को 19 मार्च से सखी सेंटर में रखा गया था। उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश के बाद आज लगभग 9 माह बाद अंजली को सखी सेंटर से पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रिहा किया गया। अंजली को पुलिस ने उसके पति के सुपुर्द किया।

इस दौरान अंजली ने कुछ मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कि उसे अभी भी अपने पिता से खतरा है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वो अपने परिवार को उसके पति के साथ उसे अपनाए हेतु मनाने की पूरी कोशिक करेगी।

राज्य यह प्रकरण काफी चर्चित रहा है, और इसे लव जेहाद के रूप में काफी प्रचारित किया जा चुका है। दरअसल छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले 33 वर्षीय मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीकी और 23 वर्षीय अंजलि जैन ने दो साल की जान-पहचान के बाद 25 फरवरी 18 को रायपुर के आर्य मंदिर में शादी की थी।

इब्राहिम उर्फ आर्यन आर्य ने इसके बाद छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कि शादी की ख़बर जैसे ही उनकी पत्नी अंजली के परिजनों को मिली, उन्होंने उसे घर में क़ैद कर लिया है। उन्होंने न्यायालय से अपनी पत्नी अंजलि जैन को वापस किए जाने का अनुरोध किया। लेकिन हाईकोर्ट ने अंजली जैन को सोच-विचार के लिए समय देते हुए छात्रावास में या माता-पिता के साथ रहने का आदेश पारित करते हुए मामले को ख़ारिज कर दिया।

इस निर्णय के बाद अंजली जैन ने माता-पिता के साथ रहने के बजाय छात्रावास में रहना तय किया था। इसके साथ ही इब्राहिम ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। पिछले साल अगस्त में अंजली को उच्चतम न्यायालय में पेश किया गया, जहां अंजली ने अपने माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जताई।

लेकिन छह माह अंजली ने राज्य के पुलिस महानिदेशक का नंबर कहीं से हासिल कर उन्हें फोन कर पिता की प्रताड़ना से मुक्ति के लिए गुहार लगाई, उनसे घर से छुड़ाने का अनुरोध किया।इसके बाद पुलिस ने उन्हें घर से मुक्त कराया और रायपुर के सखी सेंटर में उन्हें रखा गया, जहां वे पिछले नौ महीने से रह रही थी।