कैलिफ़ोर्निया (स्पूतनिक) । दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों के लिए नियम कड़े करने जा रहा है। गूगल ने यहां एक बयान जारी कर कहा, “राजनीतिक विज्ञापनों पर बढ़ती चिंताओं और चर्चाओं को ध्यान में रखते हुए तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मतदाताओं का संपूर्ण विश्वास बनाये रखने के लिए हम नियमों में कुछ बदलाव करने जा रहे है। इन बदलावों से हम इंटरनेट, राजनीतिक विज्ञापनों तथा चुनावी प्रक्रिया में लोगों को विशवास का बढ़ाना चाहते है।”
कंपनी ने कहा कि उनके प्लेटफार्म पर राजनीतिक विज्ञापन फिलहाल तीन प्रारूप में है। पहला कि जब लोग किसी मुद्दे को लेकर गूगल पर सर्च करते है, दूसरा यूट्यूब वीडियो पर विज्ञापन तथा तीसरा माध्यम डिस्प्ले विज्ञापन के तौर पर है जो वेबसाइट पर दिखते हैं।
उसने जोर देकर कहा कि कंपनी ने राजनीतिक विज्ञापनों की सीमा तथा उन्हें आयु, लिंग तथा स्थान के आधार पर विभाजित करने का फैसला किया है।
बयान के अनुसार नए नियम ब्रिटेन में एक सप्ताह के भीतर लागू कर दिए जायेंगे जबकि यूरोपीय संघ में शामिल देशों में इस वर्ष के अंत तक यह कानून लागू होंगे। अन्य देशों में छह जनवरी से अमल में लाये जायेंगे।
इससे पहले अक्टूबर में ट्विटर के मुख्य कार्यकारी जैक डोरसे ने कहा कि ट्विटर अपने प्लेटफार्म पर सभी तरह के राजनीतिक विज्ञापनों पर 22 नवंबर से पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देगा। उनका कहना था कि राजनीतिक सन्देशों को लोगों तक पहुंचाने का आधार विश्वसनीयता होनी चाहिए, पैसा नहीं।