चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में से एक रॉबर्ट पयास को सोमवार को 30 दिनों की पेरोल अवधि पर पर वेल्लोर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया।
न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और आरएमटी टीका रमन की खंड पीठ के गत 21 नवंबर को पयास को 30 दिनों की पेरोल देने के फैसले के बाद सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आज उसे जेल से रिहा कर दिया गया। प्यास ने अपने बेटे की शादी की तैयारियों के लिए पेरोल की अपील की थी। उसका लड़का अभी हॉलैंड में है।
अदालत ने उसे पेरोल पर रिहा करने के लिए शर्त रखी थी जिसके तहत वह रिहा होने के बाद किसी भी मीडिया संस्थान को साक्षात्कार नहीं दे सकता है और न ही किसी नेता के साथ कोई बातचीत कर सकता है
पेरोल पर रिहा होने के बाद पयास चेन्नई स्थित अपने वकील के घर चला गया जहां वह अपने पेरोल अवधि के दौरान रह सकता है। पयास ने सितंबर में दी अपनी याचिका में कहा था कि वह 16 अगस्त 1991 से जेल में बंद हैं और उसने 28 वर्ष से ज्यादा की वास्तविक सजा पूरी कर ली है।
उन्होंने कहा कि जेल में रहने के दौरान उसने कोई आकस्मिक अवकाश या साधारण छुट्टी नहीं ली है। इससे पहले एक अन्य दोषी एस नलिनी को भी उसकी लड़की की शादी के लिए 30 दिनों की पेरोल मिली थी जिसके बाद उसकी पेरोल 21 दिनों के लिए और बढ़ा दी गई थी। इसके बाद एक बार फिर पेरोल बढ़ाने के लिए दायर की गई उसकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था।
इसी प्रकार एक अन्य दोषी ए जी पेरारीवालन को गत 12 नवंबर को उसके बीमार पिता से मिलने के लिए एक महीने की पेरोल दी गई थी।
गौरतलब है कि विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने इन सातों दोषियों को जेल से रिहा करने की मांग की है। इन पार्टियों का कहना है कि इन सभी ने 28 वर्ष से ज्यादा समय जेल में काटा है और अब इन्हें रिहा कर देना चाहिए।
राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले साल नौ सितंबर को संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल से सभी सातों दोषियों को रिहा करने संबंधी एक प्रस्ताव पारित किया था।