नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका की लाइव स्ट्रीमिंग संबंधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य की अर्जी की सुनवाई पर गुरुवार को सहमति जताई।
गोविंदाचार्य की ओर से पेश पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया।
उन्होंने दलील दी कि उनकी वादकालीन याचिका गत 22 नवम्बर को दायर की गई थी, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बावजूद इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। खंडपीठ में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हैं।
याचिका में कहा गया है कि न्यायालय ने 2018 में दिए अपने फैसले में राष्ट्रीय महत्व के मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत दी थी। ये मामला राष्ट्रीय महत्व का है जिसे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवर करता है। ऐसे में शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत दें।
दरअसल गोविंदाचार्य ने अयोध्या विवाद की सुनवाई की भी लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की थी। इस पर शीर्ष अदालत ने रजिस्ट्री को नोटिस जारी करके पूछा था कि सर्वोच्च न्यायालय कितने समय में लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था हो सकती है।