नई दिल्ली। सर्दी के आगमन के साथ ही क्रिसमिस और नए साल का जश्न मनाने की तैयारी शुरु हो गई हैं और इस बीच स्वास्थ्य एवं खान-पान विशेषग्यों ने सलाह दी है कि त्योहारों की मौज-मस्ती के साथ यदि नाश्ते-खाने में बादाम का इस्तेमाल किया जाए तो यह एलडीएल कोलेस्ट्राल कम करने और दिल की सभी बीमारी के जोखिम कारकों को कम करने में सहायक हो सकता है।
दिल्ली मैक्स हेल्थकेयर की डायटेटिक्स की क्षेत्रीय प्रमुख रितिका समद्दार का कहना है कि क्रिसमस के आगमन के साथ ही साल के खत्म होने और नए वर्ष के जश्न की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान अधिकतर लोग खूब मिठाइयां खाते हैं और इस बात का तनिक भी ख्याल नहीं रखते कि अधिक मिठाई का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
समद्दार ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव के कारण कोलेस्ट्राल का बढ़ना और हृदय की बीमारियों में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में त्योहारों के समय मिठाइयों की बजाय बादाम जैसे अन्य मेवों से बनी मिठाइयों और व्यंजनों का इस्तेमाल त्यौहारों के दौरान किया जाए तो इससे स्वाद के साथ-साथ शरीर को खुराक भी अच्छी मिलेगी और स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का कुप्रभाव नहीं पड़ेगा और आगे के लिए सकारात्मक असर रहेगा।
उन्होंने कहा कि हाल के एक अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि यदि प्रत्येक दिन 42 ग्राम बादाम का सेवन किया जाए तो पेट की चर्बी और कमर का मोटापा कम होने के साथ ही एलडीएल कोलेस्ट्राल कम करने में मदद मिलती है और यह दिल की सभी बीमारी के जोखिम को कम करने में भी सहायक है।
सुपर मॉडल और फिटनेस के प्रति काफी सजग मिलिंद सोमान का भी मानना है कि मैं त्योहार के समय व्यक्तिगत तौर पर ऐसे उपहार देना अधिक पसंद करता हूं जो स्वास्थ्यवर्धक हों। बादाम का जिक्र करते हुए सोमान ने कहा यह विटामिन ई, बी 12 और आयरन आदि कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है। इसके अलावा वैश्विक शोध से भी यह सामने आया है कि बादाम का रोजाना इस्तेमाल टाइप-2 मधुमेह, हृदय की मजबूती और शरीर के वजन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और यह अच्छा प्राकृतिक आहार है।
उन्होंने कहा कि त्योहार के समय परिवार और मित्रों के साथ बिताए गए पल हमें खुशियां तो देते हैं लेकिन इस दौरान कैलोरी से भरपूर भोजन स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पर विपरीत असर डाल सकता है। ऐसे में मिठाई के वैकल्पिक स्रोत काफी मददगार साबित होते हैं और उनमें बादाम समेत अन्य सूखे मेवों का इस्तेमाल स्वस्थ रहने के साथ ही दिल को भी मजबूत करने में मददगार हो सकता है।
पोषण और कल्याण सलाहकार शीला कृष्णास्वामी भी सर्दियों और त्यौहारों के दौरान बादाम और अन्य सूखे मेवे के इस्तेमाल पर अधिक जोर देती हैं। उनका कहना है कि पर्व सामान्यत: उत्सव और पार्टी के समय होते हैं और इस दौरान लोग आहार और तंदरुस्ती को आमतौर पर अनदेखा करते हैं। इससे बचने का सबसे आसान तारीका है बादाम या अन्य सूखे मेवे, ताजे फल अथवा दलिया जैसे स्वास्थ्यवर्धक स्नैक्स का अधिक इस्तेमाल करें। इससे न केवल शरीर को कम कैलौरी मिलेगी बल्कि स्वास्थ्यवर्धक आहार भी मिलेगा।
बाजार में बादाम की वैसे तो काफी किस्में उपलब्ध हैं लेकिन कैलिफार्निया का बादाम प्राकृतिक, पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण होने की वजह से खूब पसंद किया जाता है। गैर लाभकारी संगठन बादाम बोर्ड आफ कैलिफोर्निया ने 6800 से अधिक उत्पादकों और प्रसंस्करणकर्ताओं की तरफ से इसके विपणन, खेती और उत्पादन के सभी पहलुओं पर अपने शोधों के आधार पर बादाम के खान-पान में अधिक से अधिक इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है।