नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने राजधानी के निर्भया दुष्कर्म मामले के दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका की सुनवाई से मंगलवार को खुद को अलग कर लिया।
न्यायमूर्ति बोबडे, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की विशेष खंडपीठ जैसे ही समवेत हुई, मुख्य न्यायाधीश ने सामने रखी फाइल उठाई और पिछला आदेश पढ़ना शुरू किया।
उनकी नजर एक जगह जाकर टिक गई और उन्होंने अपनी बाईं ओर बैठे न्यायमूर्ति भूषण से मशविरा किया।
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि इस मामले में उनके भतीजे अर्जुन बोबडे ने पीड़िता के परिजनों की ओर से पैरवी की थी। हालांकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्होंने खुद को सुनवाई से अलग करने का निर्णय लिया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए अलग पीठ गठित करेंगे और कल सुबह साढ़े दस बजे नई पीठ सुनवाई करेगी।