जयपुर। देश का करोड़ों किसान मौसम को लेकर मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी पर ही निर्भर रहता आया है। कई बार ऐसा होता है कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी बारिश को लेकर की जाती है जिसका किसान भरोसा कर लेते हैं। लेकिन विभाग के पूर्वानुमान के बावजूद बारिश को लेकर अनिश्चितता बरकरार रहती है। कई बार मौसम विभाग के दावे गलत साबित हो गए हैं। जिससे किसानों को जबरदस्त नुकसान होता आया है। लेकिन अब डिवाइस के माध्यम से इस चुनौती पर काबू पाने की तैयारी की जा रही है। पंजाब के प्रोफेसर समेत तीन इंजीनियरों की टीम ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो मौसम की सही भविष्यवाणी कर सकेगी।
टीम का दावा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से ‘भूगोल’ नामक डिवाइस बता देगी कि कब बारिश होने वाली है। डिवाइस से सैटेलाइट के भेजे डाटा के बजाए स्थानीय स्तर पर सूचना एकत्र कर बारिश की भविष्याणी की जा सकेगी। टीम में शामिल एक छात्र ने बताया कि एकत्रित किया हुआ डाटा रीयल टाइम में होगा। उन्होंने कहा हम लोग रीयल टाइम डाटा के साथ सैटेलाइट के भेजे डाटा का इस्तेमाल कर सही भविष्यवाणी कर सकेंगे।
गौरतलब है कि वैश्विक तापमान के चलते मौसम के बारे में सही सही बताना मुश्किल हो गया है. मगर डिवाइस की मदद से पांच स्क्वायर किलोमीटर की दूरी पर पूर्वानुमान जारी करने का दावा किया गया है।
नई तकनीक के आने से किसानों को होगा फायदा—
माना जा रहा है कि किसान अपनी खेती में डिवाइस का बहुत ज्यादा उपयोग कर सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि रियल टाइम सूचना को उन किसानों के साथ साझा किया जा सकेगा जिनका ज्यादातर समय अनिश्चित बारिश के बीच गुजरता है। डिवाइस अनाज घरों के मालिकों की फसल को बारिश से बचाकर उनकी तकलीफों को कम करने में मददगार साबित होगा। अब नई डिवाइस के आने पर किसानों को ज्यादा नुकसान उठाना नहीं पड़ेगा। साथ ही मौसम की सही भविष्यवाणी भी मिल सकेगी। यहां हम आपको बता दें कि हर साल पूरे देश में बेमौसम बारिश से किसानों का करोड़ों रुपए का नुकसान हो जाता है।
मौसम विभाग पर झूठी भविष्यवाणी का किसानों ने लगाया था आरोप—
कई बार ऐसा हुआ है किसानों ने मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर विश्वास कर लिया था लेकिन बाद में वह झूठी साबित हुई इससे गुस्साए किसानों ने मौसम विभाग पर ही रिपोर्ट दर्ज करा दी थी।
गौरतलब है दो साल पहले मौसम विभाग ने कहा था कि हर जगह बारिश हो गई है। लेकिन विदर्भ और मराठवाड़ा के कई हिस्सों में पिछले कई दिन से धूप है। इसलिए किसान ने पहली बारिश मे जो बीज बोया था । वो खराब होने लगा है। गुस्साए किसानों ने बीड़ में मौसम विभाग के खिलाफ रिपोर्ट लिखा दी थी। हालांकि मौसम विभाग के अधिकारी की माने तो सैटेलाइट से आने वाले पिक्चर को देखने के बाद ही पूर्वानुमान किए जाते है। उसका साइंटिफिक तरीके से आकलन करने के बाद ही कहा जाता है। इसमें एक साल पहले के और इस मौसम के शुरू होने से पहले के आंकड़ों को भी देखा जाता है। लेकिन कई बार बारिश होना, उस मौसम में चल रही हवाओं पर बहुत हद तक निर्भर करता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार