जयपुर। नागरिकता संशोधन कानून में भारतीय नागरिकों से किसी भी तरह से कोई लेनादेना नहीं है। भारतीय नागरिकों को संविधान में वर्णित मूल अधिकार मिले हुए हैं। नागरिकता संशोधन कानून या अन्य कोई भी चीज उनसे इन्हें वापस नहीं ले सकती। यह एक तरह का दुष्प्रचार चल रहा है। नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम समुदाय के लोगों समेत किसी भी भारतीय नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं डालता।
यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है। इसके अलावा इन तीन देशों से भारत आए मुस्लिमों या फिर अन्य विदेशियों के लिए यह एक्ट नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह देशवासियों से बार-बार इस बात का उल्लेख कर रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून में किसी भी भारतीय नागरिकों को कोई नुकसान नहीं है, फिर भी देश में लगातार हिंसक घटनाएं हो रही हैं।
हिंसक घटनाओं से हमारे देश का ही नुकसान हो रहा है
नागरिकता संशोधन कानून पर समूचा विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है, दूसरी ओर देश जल रहा है। विपक्ष को चाहिए कि इस समय कम से कम संयम और शांति से काम ले। लेकिन विपक्ष इस हिंसक घटनाओं को और बढ़ावा देने में लगा हुआ है। नागरिकता संशोधन कानून पर पिछले एक हफ्ते से राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में हो रही हिंसक घटनाओं से हमारे देश का ही नुकसान हो रहा है। देश के कई विपक्षी और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन हिंसक घटनाओं को लगातार बढ़ावा दे रहा है। देश में तोड़फोड़, हिंसा, धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए हर एक भारतीय को आगे आना होगा।
गुरुवार को भी नागरिकता संशोधन कानून पर जबरदस्त हिंसा जारी है। राजधानी दिल्ली में लेफ्ट पार्टियों के प्रदर्शन के बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रशासन को कुछ देर के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा और 18 मेट्रो स्टेशन तक बंद करने पड़े। दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में भी जगह-जगह धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पुलिस ने कई जगह बल का भी प्रयोग किया है और कई वरिष्ठ नेताओं और नागरिकों को हिरासत में भी लिया गया है।
विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट
इस बिल के विरोध में आज पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट दिखा। लेफ्ट पार्टियों ने आज बिहार, यूपी, दिल्ली, भोपाल, बैंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। दिल्ली में लेफ्ट के अलावा कांग्रेस और कई छात्र यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन किए। दूसरी ओर नागरिक संसोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस सबके बीच दिल्ली के राजघाट पर पाक से आए वहां के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कानून के समर्थन में प्रदर्शन किया। जिसमें कई हिंदू व बाकी समुदाय से आए लोग शामिल हुए।
शिवसेना ने भाजपा पर साधा निशाना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि सरकार इन हिन्दू शरणार्थी को देश में किस जगह पर और कैसे बसाने वाली है? उन्होंने भाजपा-नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बेलगाम सीमा विवाद मामले में वह महाराष्ट्र के बजाए कर्नाटक का पक्ष ले रही है।
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि मैं जानना चाहूंगा कि अन्य देशों से आने वाले हिन्दुओं को कहां और कैसे बसाया जाएगा । मुझे नहीं लगता कि केंद्र के पास इस संबंध में कोई भी योजना है।
विरोध-प्रदर्शन कर रहे कई नेता लिए गए हिरासत में
नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध प्रदर्शन के दौरान बेंगलुरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, दिल्ली में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, छात्र नेता उमर खालिद और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव को भी पुलिस ने कार्यकर्ताओं समेत हिरासत में लिया। याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला और सीपीआई नेता सीताराम येचुरी को भी दिल्ली में हिरासत में लिया गया है। इस कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली के लाल किला, मंडी हाउस और जामिया इलाके में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं भोपाल, बैंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और जम्मू में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
बाकी राज्यों में बिहार की राजधानी पटना, दरभंगा, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और संभल जिले और दक्षिण में हैदराबाद, कर्नाटक में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली में कई जगह मोबाइल इंटरनेट सेवा और मेट्रो बंद कर दी गई है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सीएए, जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सोमवार से प्रदर्शन चल रहे हैं। इन प्रदर्शनों से हमारे देश का ही नुकसान हो रहा है, यह विपक्ष को भलीभांति समझना होगा।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार