भीलवारा गंगापुर की निजी बस में एक बहुत मजेदार
घटना हुई.
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बस में काफी भीड़ थी तो खलासी ने कुछ यात्रियों के पीपे
और डिब्बे बस की छत पर रख दिए..
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थोड़ी देर में भीड़ बढ़ी तो बस की छत भी भर गई.
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किसी शरारती युवक ने नीचे बैठे यात्रियों के पीपे और डिब्बे
खोल दिए जिनमे मिठाइयां और दूसरा खाने का सामान
था और ऊपर बैठे
यात्रियों ने जमकर मिठाइयो का मजा लिया..
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जब गंगापुर में बस रुकी और जिनके पीपे और डिब्बे थे उन्होंने
उपर से उतारे
तो हंगामा खड़ा हो गया.
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वो चिल्लाने लगे “साले हरामजादो हम
भिखमंगो का भी नहीं छोड़ा, बड़ी मुश्किल से 3 घंटे मेहनत
करके शादी की जूठी प्लेटो से बीन बीन कर खाना लाये थे
और साले ऊपर बैठ कर सब चट कर गये”.
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पप्पू की पत्नी ने सुबह उठते
ही अपने पति को पंखे से रस्सी बांधते
देखा, तो घबराकर पूछा, “यह आप क्या कर
रहे हो जी…?”
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पप्पू ने दुखी स्वर में कहा, “मैं तेरी रोज़-
रोज़ की नए कपड़े दिलाने
की फरमाइशों से तंग आ गया हूं, इसलिए
खुदकुशी करने जा रहा हूं…”
पत्नी ने दहाड़ें मार-मारकर रोना शुरू कर
दिया, और बोली, “एक सफेद सूट
तो दिलवा दो, वरना तेरहवीं पर
क्या पहनूंगी…?”
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कालू अपने दोस्त सुरेश से दो माह बाद मिला..
कालू: यार, एक अच्छी खबर है..
सुरेश: क्या ?
कालू: अब मुझे ना ही खाना बनाना पड़ेगा और ना ही कपड़े धोने पड़ेंगे..
सुरेश: वो कैसे?
कालू: खुश होते हुए, यार मैंने शादी जो कर ली है..
सुरेश: पहले चुप रहा, फिर बोला.
कमाल है, मैंने इन्हीं घरेलू कामों की वजह से तलाक ले लिया..!!!
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पत्नी को दिल्ली घुमाने ले गया.
जब वे दोनों क़ुतुब मीनार पहुँचे …..
पति – “अच्छी तरह से देख ले, फिर
गाँव
जाकर
ना कहना कि लाल
किला नहीं दिखाया ?”
पत्नी को हँसी आ गई. बोली –
“अजी…
ये लाल
किला नहीं क़ुतुब मीनार है !”
पति को गुस्सा आ गया. थप्पड़ मार कर
बोला –
“दिल्ली घुमाने मैं लाया हूँ या तू
लाई
है ?”
और फिर गुस्से में दोनों वापस गाँव चले
गए. शाम
को पति ने कहा – “मेरे लिए पराठे
बनाना.”
पत्नी बाजरे की रोटी बना कर ले आई.
पति के आगे
परोसकर बोली – “लो,
खा लो पराठे.”
पति – “ये पराठे हैं ? ये तो बाजरे
की रोटी है !”
पत्नी (थप्पड़ मार कर) – “पराठे तूने
बनाए
हैं या मैंने
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