जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के नाम पर केंद्र सरकार लोगों को धर्म के आधार बांटना चाहती है।
गहलोत ने आज यहां सीएए और एनआरसी के विरोध में निकाले गए शांतिमार्च के बाद आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सीएए और एनआरसी को देश में लागू नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि इनक जरिए नरेंद्र मोदी देश की जनता को हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, जैन धर्म में बांटना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून के जरिए हर नागरिक से दस्तावेज मांगे जाएंगे। इसके बाद क्या स्थिति बनेगी। लोगों को इसके जरिए जलील किया जाएगा। दस्तावेज दिखाने पर उन पर एहसान किया जाएगा। इसका असर केवल मुसलमानों पर ही नहीं, बल्कि सभी पर होगा।
गहलोत ने कहा कि यही वजह है कि देशभर में इन कानूनों का विरोध हो रहा है। लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। देश में आग लगी। लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन गोलियां वहीं चलती हैं जहां भाजपा का शासन हैं। लोग मारे जा रहे हैं। अकेले उत्तरप्रदेश में ही 15 लोग मारे गए हैं। प्रदर्शन तो पुणे, आंध्रप्रदेश, हैदराबाद में हुए और अब जयपुर में भी देख लिया। सभी शांतिपूर्ण रहे। उन्होंने कहा कि बहुमत से कानून बना सकते हो, लेकिन दिल नहीं जीत सकते।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून में संशोधन पहले भी हुए हैं, लेकिन किसी समुदाय विशेष को लक्षित करके नहीं बनाए गए। धर्म के नाम पर पहले ही पाकिस्तान बन गया। अब ये लोग फिर राष्ट्रवाद और हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। धर्म के नाम पर देश को फिर बांटना चाहते हैं।
गहलोत ने कहा कि इनका और आरएसएस का एजेंडा है धारा 370, कॉमन सिविल कोड, राममंदिर और अब हिंदू राष्ट्र। आखिर ये देश के कितने टुकड़े करना चाहते हैं। लोग अब इनकी चालों को समझ चुके हैं। इनका राष्ट्रवाद खोखला है।