Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर कार्यशाला - Sabguru News
होम Rajasthan Ajmer राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर कार्यशाला

राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर कार्यशाला

0
राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर कार्यशाला

अजमेर। राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की स्थापना के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य एवं युवा पीढी को साहित्य सृजन के प्रति आकृष्ट करने के लिए अजमेर में सिंधी कहानी एवं उपन्यास, नाटक तथा यात्रावृतान्त पर 25 दिसंबर से चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

परिषद के सदस्य एवं आयोजन सचिव डा सुरेश बबलानी ने बताया कि कार्यशाला में गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि के करीब 60 युवा जिनकी अधिकतम आयु 30 वर्ष है भाग लेंगे। इन्हें सिंधी एवं हिन्दी के ख्यातनाम एवं विभिन्न पुरस्कारों से अलंकृत साहित्यकार सृजन की शिक्षा प्रदान करेंगे।

कार्यशाला का उदघाटन बुधवार सुबह 10:15 बजे एचकेएच पब्लिक स्कूल वैशाली नगर के सभागार में होगा। मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासूदेव देवनानी, विशिष्ठ अतिथि उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष नानकराम लखमानी, परिषद सदस्य लछमण खेतानी एवं निरंजन शर्मा होंगे। राष्ट्रीय सिंधी भाषा बिकास परिषद नई दिल्ली के निदेशक डा. प्रताप पिंजानी अध्यक्षता करेंगे।

कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को जयपुर से पधारे भगवान अटलानी, दिल्ली से हीरो ठकूर तथा अहमदाबाद से आए बिक्रम शहानी प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया हैं। आवास व्यवस्था सुन्दर मटाई, पुरुषोत्तम तेजवानी, मंच व्यवस्था दयाल प्रियानी एवं महेश सावलानी, भोजन व्यवस्था किशन खुराना एवं नरेश रावलानी, हाल व्यवस्था ललित शिवनानी एवं नरेश नाजवानी तथा पंजीयन व्यवस्था द्वारका लखवानी व नन्दलाल शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बबलानी ने बताया कि राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद नई दिल्ली एवं मानव संसाधन बिकास मंत्रालय के तहत उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है जिसकी स्थापना मई 1994 में सिंधी भाषा एवं साहित्य के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए की गई थी। परिषद में उपाध्यक्ष के नाते केआर मलकानी, एडवोकेट राम पंजवानी, झमटमल वाधवानी, सुरेश कसवानी, श्रीकान्त भाटिया, अरूणा जेठवानी नेतृत्व कर चुके हैं।

वर्तमान में परिषद के उपाध्यक्ष नागपुर के घनश्याम कुकरेजा हैं। परिषद में साहित्यकार, शोधकर्ता, सामाजिक कार्यकताओं को भी पूरे भारतवर्ष से नामित किया जाता है। वर्तमान में 19 सदस्यी परिषद में सामाजिक कार्यकर्ता कोटे से राजस्थान जयपुर के मोहनलाल वाधवानी तथा लछमण खोतानी, स्कालर कोटे से अजमेर के प्रसिद्ध साहित्यकार डा सुरेश बबलाणी सदस्य नामित हैं।

परिषद अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर चुकी है। अपने स्थापना के साथ ही परिषद के द्वारा सिंधी भाषा के साहित्य की वृद्धि के साथ साथ भाषा की वृद्धि के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसमें प्रमुख रूप से बच्चों को 100 घण्टे में सिंधी भाषा का सर्टीफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स, एडवान्स डिप्लोमा कोर्स का आयोजन है। इस साल 15 दिसम्बर को आयोजित परीक्षा में रिकार्ड 9 हजार से अधिक विद्यार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए।

दूसरी योजना लेखकों की पांडुलिपि प्रकाशन में सहयोग प्रदान करना हैँ। इस साल लगभग 30 लेखकों की पांडुलिपियां स्वीकृत की गई हैं। तीसरी योजना सिंधी साहित्य की नवीन एवं गत तीन वषों में प्रकाशित पुस्तकों की प्रतियों को क्रय किया जाना जिसमें 150 पुस्तकें प्रत्येक लेखक से क्रय करके समाज की विभिन्न संस्थाओं जिसमें पुस्तकालय भी सम्मिलित हैं में निशुल्क वितरण करना।

सिंधी लेखकों को उनके जीवन में किए गए कार्य के लिए पुरस्कार तथा श्रेष्ठ रचना पर साहित्यकार सम्मान के तहत 5 लाख रूपए की राशि प्रदान करना तथा सिंधी साहित्य की बिभिन्न विधाओं यथा कहानी, कविता, गीत, गजल, नाटक आदि की प्रकाशित पुस्तकों पर प्रत्येक में एक लाख की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान करना है।