अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केंद्र की ओर से आयोजित 21 दिवसीय अभिविन्यास (ओरियंटेशन) कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अरुण के पुजारी ने कहा के ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सार्थकता तब है जब शिक्षक यहां से सीखे गए ज्ञान का उपयोग कर विद्यार्थियों को लाभान्वित कर सकें।
प्रो पुजारी ने कहा कि आजकल अधिकतर शिक्षक सोशियल मीडिया पर अधिक सक्रिय रहते हैं। उन्हें इस माध्यम का उपयोग छात्रों के अध्यापन में कैसे हो सकता है इसके प्रयास करने चाहिए। क्योंकि विद्यार्थी आज सोशियल मीडिया के जरिए अधिक सीख रहा है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि यदि शिक्षक अपने दायित्वों को लगाव व भावुकता के साथ करेंगे तो अधिक कुशलता के साथ कर पाएंगे।
शिक्षक बनना मुश्किल लेकिन सौभाग्य की बात है क्योंकि एक शिक्षक अपने जीवनकाल में अनेक विधार्थियों का भविष्य निर्माता बनने का पुण्य प्राप्त करता है और मुश्किल इसलिए है की उसे अपने ज्ञान का व व्यक्तित्व को चारितार्थ करने की चुनौती का सामना भी करना पड़ता है। प्रो सिंह ने कहा कि आप छात्रों के आदर्श शिक्षक बने ऐसी अपेक्षा करता हूं।
इस शिविर में प्रदेश के महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के 52 सहायक आचार्यों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के 42 विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को शिक्षा, शिक्षण व शैक्षिक प्रबंधन के बारे में समुचित जानकारी प्रदान की।
केंद्र के निदेशक प्रो शिव दयाल सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए 21 दिवसीय कार्यक्रम का संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
प्रतिभागी डॉ धर्मेंद्र चौधरी व डॉक्टर नीलम शेट्टी ने अपने 21 दिवसीय अनुभव सबके साथ साझा करते हुए कहा कि ये कार्यक्रम शैक्षणिक उन्नयन के साथ साथ एक दूसरे से ज्ञान साझा करने का सुअवसर रहा। इस अवसर पर प्रो अरविन्द पारीक, प्रो सुभाष चंद्र, प्रो ऋतु माथुर, डॉ राजू शर्मा उपस्थित रहे। संचालन डॉ. नितिका सिंह व डॉ जितेंद्र पुरोहित ने किया तथा धन्यवाद निधि शर्मा ने ज्ञापित किया।