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कोई मुख्यमंत्री संविधान से परे नहीं, ममता बनर्जी भी नहीं : जगदीप धनखड़ - Sabguru News
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कोई मुख्यमंत्री संविधान से परे नहीं, ममता बनर्जी भी नहीं : जगदीप धनखड़

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कोई मुख्यमंत्री संविधान से परे नहीं, ममता बनर्जी भी नहीं : जगदीप धनखड़

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून अब संविधान का हिस्सा है और संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति इसका विरोध नहीं कर सकता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी नहीं।

धनखड़ ने लोकसभा टीवी के खास कार्यक्रम संवाद में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने पारित किया है और राष्ट्रपति की संस्तुति के बाद यह कानून लागू हो गया है। उन्होंने कहा कि यह कानून पूरे देश के लिए है, इसलिए भारतीय संविधान की शपथ लेने वाला कोई भी मुख्यमंत्री यह नहीं कह सकता कि वह कानून को लागू नहीं करेगा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी नहीं।

उन्होंने कहा कि अगर किसी ने संविधान की शपथ ली है तो वह यह नहीं कह सकता कि सीएए को चुनौती दी जाएगी। यह बात बनर्जी भी जानती हैं। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कानून का विरोध नहीं कर सकता।

धनखड़ ने कहा कि मैं मानता हूं कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यदि संवैधानिक ढंग से कोई कानून बना तो उसे लागू न करने की बात करना संविधान का ही एक तरह से अपमान है। नागरिकता संशोधन कानून संविधान का हिस्सा है इसलिए राज्य सरकारें इससे अलग नहीं हैं। मुख्यमंत्री (बनर्जी) को भी संविधान के अधीन बने कानून का पालन करना ही होगा क्योंकि वह संविधान से परे नहीं हैं।

धनखड़ ने इस कार्यक्रम के दौरान बनर्जी के साथ विभिन्न मुद्दों पर टकराव को लेकर व्यापक चर्चा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात कहने या असहमति जताने का पूरा अधिकार है, पर हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने सीएए के खिलाफ बनर्जी के फैसले पर दुख जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों ने सीएए के खिलाफ रैली आयोजित की। यह असंवैधानिक है और संसद से पारित कानून का विरोध वह उचित नहीं मानते क्याेंकि विरोध की भी मर्यादा होती है।

उन्होंने कहा कि राज्य का मुखिया जनता के धन को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और सीएए विरोधी विज्ञापन के लिए मीडिया को कैसे दे सकता है? विज्ञापन देने का यह कार्य पूरी तरह असंवैधानिक था। यदि संसद ने कोई कानून बनाया है तो संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को इस पर विश्वास करना होगा। यह कानून पूरे देश में लागू है और संसद से बने इस कानून का सम्मान हो उसकी रक्षा करना राजभवन का दायित्व है। उन्होंने कहा कि मैं अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करता हूं। बतौर राज्यपाल मैं पश्चिम बंगाल में यथासंभव संविधान और कानून का संरक्षण, सुरक्षा और रक्षा करुंगा।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और विधायी कार्यों के संबंध में पूछे गए एक सवाल के उत्तर में राज्यपाल ने कहा कि राज्य की वर्तमान परिस्थिति मुझे बेहद दुखी करती है, क्योंकि लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा का कोई स्थान नहीं होता। कानून व्यवस्था ठीक हो यह सरकार का दायित्व है। राज्य के भले के लिए, लोगों के कल्याण के लिए एक मुख्यमंत्री को राज्यपाल से संपर्क में रहना चाहिए, बात करनी चाहिए।

धनखड़ ने कहा कि मैंने अपनी तरफ से हमेशा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सम्मान किया है और करता रहूंगा। मुझसे पश्चिम बंगाल के सभी दलों के लोग मिलते हैं, मैं भी उनसे मिलता हूं। हजारों की संख्या में लोगों के पत्र राजभवन आते हैं वह केंद्र की आयुष्मान जैसी योजनाओं के बारे में पूछते हैं कि यह योजना राज्य में लागू क्यों नहीं हुई?

किसान मुझसे किसान सम्मान निधि के बारे में पूछते हैं। मैं लोगों से यही कहता हूं कि केंद्र सरकार की जो भी कल्याणकारी योजनाएं होती हैं वे पूरे देश के लिए हैं, सभी राज्यों के लिए हैं। केंद्र की योजनाओं को लागू करना राज्य का कार्य है उन्हें तय करना है।