सबगुरु न्यूज-सिरोही। दुनिया भर में भुखमरी का कारण माने जाने वाली मरूस्थलीय टिड्डियां (डेसर्ट लोकस्ट) लम्बे अर्से से भारत की दुश्मन हैं। इससे पहले भारत के इस दुश्मन को पाकिस्तान मार दिया करता था, लेकिन इस बार आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के कारण पाकिस्तान ने टिड्डियों को नहीं मारा।
इस कारण इस बार यह टिड्डि दल भारत के गुजरात और राजस्थान के उन इलाकों में भी घुस गया है जहां पर सात दशकों से नहीं घुसा। शनिवार रात को इन टिड्डियों ने सिरोही जिला मुख्यालय पर कलक्टर परिसर के चारों तरफ अपना डेरा डाल दिया था।
मई में ही मिल गया था अलर्ट
दुनिया भर में टिड्डियों द्वारा भुखमरी की स्थिति पैदा करने के कारण विश्व के कई देशों ने मिलकर इसके चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली स्थापित की है। संयुक्त राष्ट्र संघ का खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) का एक सेक्शन इसी पर नजर रखता है कि दुनिया में कहां पर टिड्डि दल पनप रहा है और यह किस तरफ बढ़ रहा है। हर देश में टिड्डियों के नियंत्रण के लिए अलग विभाग है।
भारत में यह काम केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अंतर्गत टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) करता है। इसके लिए शिड्यूल्ड डेजर्ट एरिया बनाए गए हैं। जिसमें गुजरात और राजस्थान के पाकिस्तान से जुड़े जिले आते हैं। सिरोही इसमें शामिल नहीं है। एफएओ टिड्डी दलों की सूचना भारत सरकार को देता है।
और भारत सरकार के अंतर्गत आने वाला एलडब्ल्यूओ को पश्चिमी जोन कार्यालय के अधिकारी टिड्डी नियंत्रण के लिए पाकिस्तान में बने इससे संबंधित विभाग के साथ बैठक करके रणनीति बनाते हैं। इस बार मई में ही भारत और पाकिस्तान को एफएओ ने टिड्डियों के बड़े दल के पाकिस्तान और भारत जाने को चेता दिया था।
18 दिसम्बर को एफएओ द्वारा जारी न्यूज बुलेटिन में भी इस चेतावनी को दोहराया गया था। इसके बावजूद केन्द्र सरकार नहीं चेती और टिड्डी दल जैसलमेर-बाड़मेर के अलावा जालोर, सिरोही और पाली के इलाकों में भी पहुंच गया।
-नवम्बर में ही पाकिस्तान ने झाड़ लिए थे हाथ
एलडब्ल्यूओ के सूत्रों ने बताया कि नवम्बर में भारत की पाकिस्तान से बात हुई थी। उसने अपनी राजनीतिक और आर्थिक स्थिति के कारण टिड्डियों को मार पाने में असमर्थता जताई थी।
उस बैठक में पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा था कि उनके पास जरूरी पेस्टीसाइड नहीं है, चीन से आयात किया गया है। पाकिस्तान द्वारा इस बार भारत के किसानों, खेतों और वनस्पतियों के नहीं मार पाने से इस बार टिड्डियों का आतंक जैसलमेर बाड़मेर के अलावा जालोर, सिरोही और पाली जिले में भी पहुंच गया।