देवरिया। अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा हैं कि हिन्दुत्व की लड़ाई के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून को भाजपा सरकार को तुरन्त लाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हो सका है।
तोगड़िया ने रविवार को कहा कि तीन तलाक की तुलना में जनसंख्या नियंत्रण कानून का महत्व ज्यादा है। जनसंख्या नियंत्रण कानून बने और दो से ज्यादा बच्चों वाले परिवारों को एक कानून बनने के एक साल बाद उनकी सारी सरकारी सुविधाओं को बंद किया जाना चाहिए, जिसमें उनके मताधिकार भी बन्द हो।
उन्होंने कहा कि देश में करीब तीन करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत से बाहर करना चाहिए। एनआरसी के मामले में हालांकि असम में इसका उल्टा असर हुआ है। एनआरसी में गलत प्रमाण पत्र पर करीब 45 लाख बांग्लादेशी भारत के नागरिक हो गए हैं जबकि जिन हिन्दुओं के प्रमाण पत्र बाढ़ में नष्ट हो गए थे और वे प्रमाण पत्र नहीं दिखा सके ऐसे करीब 15 लाख आसामी हिन्दू पाकिस्तानी बन गए। वहां पचास लाख बांग्लादेशी घुसपैठियों को तुरन्त देश से बाहर भेजना चाहिए।
तोगड़िया ने कहा कि देश में करीब तीन करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कराकर उन्हें देश से बाहर भेजना चाहिए। तोगड़िया ने सवाल करते हुए कहा कि ये बांग्लादेशी घुसपैठिये किसी सिंह, तिवारी और चौधरी के घर में ढूढने पर नहीं मिलेंगे, वह तो विशेष क्षेत्र मुहल्ले में ही मिलेंगे। इसलिए पूरे देश में एनआरसी को लागू करने की जरूरत नहीं है बल्कि सिर्फ तीन करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों की नागरिकता को सत्यापित कर उनको देश से बाहर निकाला जाय।
नागरिकता संशोधन अधिनियम का स्वागत करते हुए तोगड़िया ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देश के पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री जवाहरलाल नेहरू और लियाक़त के बीच समझौता के बीच एक करार के रूप में देखा जाता है। इसमें पाकिस्तान में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार रोकने के लिए बनी थी लेकिन पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार रोकने में नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक विफल रहे हैं।
पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या कभी दस प्रतिशत थी जो अब उसके आधे पर आ गई है। पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के सम्बन्ध में आवाज उठानी जानी चाहिए।