Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Special on the birthday of Bollywood singer Kavita Krishnamurthy - Sabguru News
होम Entertainment Bollywood कविता कृष्णमूर्ति की सुरीली आवाज ने संगीत प्रेमियों को बनाया दीवाना

कविता कृष्णमूर्ति की सुरीली आवाज ने संगीत प्रेमियों को बनाया दीवाना

0
कविता कृष्णमूर्ति की सुरीली आवाज ने संगीत प्रेमियों को बनाया दीवाना
Special on the birthday of Bollywood famous singer Kavita Krishnamurthy
Special on the birthday of Bollywood famous singer Kavita Krishnamurthy
Special on the birthday of Bollywood famous singer Kavita Krishnamurthy

बॉलीवुड। हिंदी सिनेमा की मशहूर सिंगर कविता कृष्णमूर्ति ने अपनी सुरीली आवाज से करोड़ों संगीत प्रेमियों को दीवाना बनाया। 80 और 90 के दशक में कविता कृष्णमूर्ति ने सैकड़ों फिल्मों में अपनी आवाज दी।

उन्होंने 16 भाषाओं में करीब 18,000 गाने गाए हैं। कविता कृष्णमूर्ति ने बॉलीवुड के ज्यादातर सभी मशूहर म्यूजिक कंपोजर्स के साथ काम भी किया है। जब भी फिल्म इंडस्ट्री में देशभक्ति या अन्य गानों पर चर्चा होती है तो कविता को जरूर याद किया जाता है। आज कविता कृष्णमूर्ति का जन्मदिन है। आपको बताते हैं उनका फिल्मों में गायकी का सफर कैसा रहा।

25 जनवरी 1958 को दिल्ली में हुआ था जन्म

सिंगर कविता कृष्णमूर्ति का जन्म 25 जनवरी 1958 को दिल्ली में रहने वाले अय्यर पर परिवार में हुआ था। उनके पिता शिक्षा विभाग में अधिकारी थे। कविता ने अपनी संगीत की शुरुआती शिक्षा घर में ही ली थी। कविता बचपन से ही गीतों की शौकीन रही हैं। वह रेडियो पर लता मंगेशकर और मन्ना डे के गाए गीत खूब गौर से सुनतीं और साथ-साथ गुनगुनाती थीं। वह गुरु बलराम पुरी से शास्त्रीय संगीत सीखती थीं। उन्होंने आठ साल की उम्र में ही एक संगीत प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था और इसके बाद पाश्र्वगायिका बनने का सपना बुनने लगीं। उसके बाद नौ साल की उम्र में कविता कृष्णमूर्ति को महान गायिका लता मंगेशकर के साथ बांग्ला गीत गाने का मौका मिला। यहीं से उन्होंने फिल्मों में गाने का निर्णय लिया।

मुंबई से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद शुरू किया गायकी का सफर

मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से कविता कृष्णमूर्ति ने स्नातक की डिग्री प्राप्त की और यहीं काम की तलाश में जुट गईं। कॉलेज के दिनों में वह काफी चंचल थीं और हर प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थीं। इसके बाद उनकी बिनाका गीतमाला वाले अमीन सयानी से मुलाकात हुई, फिर वह उनके साथ कार्यक्रमों में जाने लगीं। मौका मिला तो उन्होंने कई भाषाओं में गीत गाकर दर्शकों को रोमांचित किया।

कविता कृष्णमूर्ति को शुरुआत में सबके सामने गाने से बहुत डर लगता था। बाद में धीरे-धीरे उनका डर कम होता गया। उसी दौरान 1971 में पार्श्वगायक हेमंत कुमार ने उन्हें बुलाया और बांग्ला में रवींद्र संगीत की तीन-चार लाइनें सिखाकर कहा कि इंतजार करो लता जी आ रही हैं उनके साथ गाना है। इसके बाद वह लता जी को गाता देख सहज महसूस करने लगीं और उनके साथ गीत गाया।

1985 में फिल्म ‘प्यार झुकता नहीं’ के गाने गाकर कविता ने बनाई पहचान

साल 1980 में कविता ने अपना पहला गीत काहे को ब्याही (मांग भरो सजना) गाया। हालांकि यह गाना बाद में फिल्म से हटा दिया गया था, लेकिन कविता की प्रतिभा छिपने वाली नहीं थी। 1985 में फिल्म प्यार झुकता नही के गानों ने उन्हें पाश्र्वगायिका के रूप में पहचान दिलाई। इस फिल्म के गाने देश भर में खूब सुने गए थे। इसके बाद उन्होंने एक-के बाद हिट गीत दिए। उन्होंने अपने करियर में आनंद मिलन, उदित नारायण, एआर रहमान, अनु मलिक जैसे गायकों और संगीत निर्देशकों के साथ काम किया है। जब भी फिल्म इंडस्ट्री में देशभक्ति या अन्य गानों पर चर्चा होती है तो कविता को जरूर याद किया जाता है।

90 के दशक में कविता कृष्णमूर्ति ने कई हिट गाने गाए

सन 1990 के दशक में पाश्र्वगायिका के रूप में उभरीं कविता कृष्णमूर्ति ने अपनी सुरीली आवाज का सभी को दीवाना बना दिया। उन्होंने मेरा पिया घर आया, प्यार हुआ चुपके से, हवा हवाई, आज मैं ऊपर आसमां नीचे, डोला रे डोला जैसे मशहूर फिल्मी गीतों से सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया है। कविता की आवाज में ऐसी कशिश है कि उसे सुनकर कोई भी उनकी आवाज का दीवाना बने हुए नहीं रह सका।

1942 ए लव स्टोरी में उनके गाने आज भी पसंद किए जाते हैं। अभिनेत्रियों में श्रीदेवी, रानी मुखर्जी, काजोल और प्रीति जिंटा पसंद हैं। कविता ने शबाना आजमी, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला और ऐश्वर्या राय के लिए कई गाने गाए हैं।

पद्मश्री और 4 बार सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायिका का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया

कविता कृष्णमूर्ति को चार बार सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायिका का फिल्मफेयर अवार्ड मिला है। साल 1995 में 1942 ए लव स्टोरी के लिए, 1996 में याराना के लिए 1997 में खामोशी और साल 2003 में देवदास के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। यही नहीं, 2005 में उन्हें देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, पद्मश्री मिला। कविता कृष्णमूर्ति आज भी पूरी तरह सक्रिय हैं और नई अभिनेत्रियों के लिए गाने को इच्छुक हैं। कविता कृष्णमूर्ति ने बॉलीवुड के ज्यादातर सभी मशूहर म्यूजिक कंपोजर्स के साथ भी काम किया है।

वायलिन वादक एल सुब्रमण्यम के साथ कविता कृष्णमूर्ति ने की शादी

कविता वायलिन वादक एल सुब्रमण्यम की पत्नी हैं। एक बार उन्हें गायक हरिहरन के साथ मिलकर सुब्रमण्यम के लिए गाना गाना था, तब उनकी शादी नहीं हुई थी। सुब्रमण्यम का बहुत नाम था और इसलिए कविता उनसे बहुत घबराई हुई थीं, लेकिन उन्होंने बहुत धैर्य के साथ गाना पूरा किया।

सुब्रमण्यम पहले से शादीशुदा थे, हालांकि उनकी पत्नी का देहांत हो चुका था। वैसे तो मन ही मन कविता उन्हें अपना दिल दे चुकी थीं, लेकिन उन्होंने कभी पहल नहीं की। कुछ समय बाद सुब्रमण्यम ने शादी के लिए प्रस्ताव रखा तो कविता ने झट से हां कह दिया और दोनों विवाह बंधन में बंध गए।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार