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36 ministers went to take stock of the valley most were confined to Jammu - Sabguru News
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36 मंत्री गए थे घाटी का जायजा लेने, अधिकांश जम्मू तक सिमटे

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36 मंत्री गए थे घाटी का जायजा लेने, अधिकांश जम्मू तक सिमटे

जम्मू-कश्मीर। मोदी सरकार के 36 मंत्री जम्मू कश्मीर का के हालातों का जायजा लेने निकले थे। इन 36 मंत्रियों में से अधिकांश घाटी जाने का साहस नहीं कर पाए। जम्मू तक ही अपने आप को सीमित रखा। मोदी सरकार के मंत्रियों के घाटी दौरे को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तंज कसा है। देखा जाए तो आजाद भारत में ऐसा पहली बार हुआ जब इतनी बड़ी संख्या में केंद्र के मंत्रियों ने किसी राज्य खासकर जम्मू-कश्मीर का दौरा किया हो। इन मंत्रियों का दौरा 18 जनवरी से शुरू हुआ था और 24 जनवरी को खत्म हुआ।

इन मंत्रियों का आर्टिकल 370 और 35A के फायदे के बारे में जम्मू कश्मीर के लोगों को जागरूक करना था। इसके अलावा जिन मंत्रियों ने नागरिकता संशोधन कानून के बारे में भी वहां की जनता को बताया। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए के हटाए जाने के बाद से लगातार विपक्ष के निशाने पर आ चुकी केंद्र सरकार ने फुलप्रूफ प्लानिंग की है।

ये मंत्री ही कश्मीर तक पहुंच पाए

केंद्रीय कानून, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बारामूला जिले का दौरा किया और कई विकास योजनाओं का उद्घाटन किया। जिस बारामूला को कभी आतंकवादियों का गढ़ कहा जाता था। वहां 370 हटने के बाद से पूरी तरह शांति है और रविशंकर प्रसाद ने इसी बारामूला जिले के बाजार का पैदल दौरा किया और लोगों से बातचीत कर उनके मुद्दों को समझा। संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद श्रीनगर के जीपीओ भी पहुंचे।

दूसरी ओर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने मध्य कश्मीर के गांदरबल का दौरा किया और आम लोगों से मुलाकात करने के अलावा पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में एक समारोह की अध्यक्षता भी की। कश्मीर में भेजे गए एक और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोगों से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य का विकास केंद्र के लिए प्राथमिकता है। वे बड़गाम भी गए। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी श्रीनगर पहुंचे और सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं को जनता के समक्ष रखा।

इन मंत्रियों ने जम्मू तक चलाई अपनी मुहिम

18 जनवरी से शुरू हुई इस मुहिम के तहत केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सांबा और कठुआ, डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू और उधमपुर, अश्विनी कुमार चौबे सांबा, डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय जम्मू, स्मृति ईरानी रियासी में, वी. मुरलीधरन कठुआ, अनुराग सिंह ठाकुर जम्मू, पीयूष गोयल जम्मू, राज कुमार सिंह डोडा, प्रताप सारंगी कठुआ, वीके सिंह उधमपुर, अर्जुन मुंडा रियासी, सुश्री देबाश्री चौधरी जम्मू, किरण रिजिजू जम्मू,

कैलाश चौधरी सांबा, गजेंद्र सिंह शेखावत कठुआ, हरदीप सिंह पुरी राजौरी, संतोष कुमार गंगवार रामबन, प्रहलाद सिंह पटेल उधमपुर, पुरुषोत्तम रूपाला जम्मू, सोम प्रकाश जम्मू, थावर चंद गहलोत पुंछ, धोत्रे संजय शामराव राजौरी और दानवे राव साहब दादाराव ने राजौरी का दौरा कर लोगों का हाल जाना और समस्याओं को सुलझाने की पहल की।

मंत्रियों का जम्मू-कश्मीर जाना केंद्र सरकार की घबराहट का संकेत : कांग्रेस

कांग्रेस ने केंद्र के 36 मंत्रियों को कश्मीर घाटी भेजने के सरकार के फैसले को घबराहट का संकेत करार दिया है। कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को खत्म करना एक बड़ी गलती थी। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि 36 मंत्रियों को 6 दिनों के भीतर जम्मू-कश्मीर भेजना सामान्य स्थिति का नहीं, बल्कि घबराहट का संकेत है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि अमित शाह कहते हैं कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य है।

अगर ऐसा है तो 36 लोगों को दुष्प्रचार के लिए क्यों भेजा जा रहा है। ऐसे लोगों को क्यों नहीं भेजा गया जो दुष्प्रचार नहीं करें और वहां के हालात को समझ सकें। कॉलेज के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी के मंत्री डरपोक हैं। 36 मंत्रियों में से 31 जम्मू और 5 ही कश्मीर पहुंच सके हैं, मोदी सरकार के मंत्रियों को कश्मीर जाने में डर लगता है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार