अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार हुए कवि सम्मेलन में कवियाें ने देर रात तक महफिल जमाए रखी। जाे कार्यक्रम दाे घंटे चलना था वह पांच घंटे तक चला। यूनिवर्सिटी के इस कवि सम्मेलन का सफल संचालन बरेली के कवि डॉ राहुल अवस्थी और संयाेजन सेंधवा के सादिक अली जकी ने किया था। देर रात तक कवियाें ने देशभक्ति, श्रृंगार, ओज और हास्य की रचनाओं से समां बांधे रखा।
कार्यक्रम की शुरूआत में कुलपति प्राेफेसर आरपी सिंह और डीन छात्र कल्याण विभाग प्राेफेसर प्रवीण माथुर ने आमंत्रित कवियाें काे शाॅल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। यूपी के ख्यातनाम डाॅ. याेगेंद्र नाथ अरुण की अध्यक्षता में हुए इस कवि सम्मेलन में सबसे पहले अजमेर के शायर साेहेल इशरत ने अपने शेर सुनाए। उन्हाेंने दिल के ज़ख़्मों से वफ़ाओं की लहक आने लगे, प्यार की मासूम चहरे से चमक आने लगे, इस तरह अख़लाक़ को अपने मोअत्तर कीजिये, जिस तरफ़ निकलो मोहब्बत की महक आने लगे… सुनाकर दाद बटाेरी।
इसके बाद हास्य कवि अर्जुन अल्हड ने बेबी को बेस पसंद है, केजरीवाल को विकास से ज्यादा क्लेश पसंद है, सुनाकर लाेगाें काे जमकर गुदगुदाया। हरियाणा से आए गजलकार विकास यशकीर्ति ने दर्द ए दिल तेरी छुअन से प्रेम का रस हो गया, राह का पत्थर था मैं तो,आज पारस हो गया, दौड़ती हो धमनियों में इस कदर तुम अनवरत, आत्मा गंगा हुई और तन बनारस हो गया.. सुनाई।
पटियाली से आए कवि शरद मिश्रा लंकेश ने जिसने जमकर लड़ी लड़ाई, अपनों के सम्मान की। क़द से ऊंची कर दी जिसने, माटी राजस्थान की सुनाकर महाराणा प्रताप की महिमा मंडन किया। अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि रासबिहारी गाैड़ ने अपनी कविता चीफ गेस्ट पर जमकर हंसाया। उन्हाेंने अपनी कई संवेदनशील रचनाएं भी सुनाई।
इसके बाद दिल्ली से आए कवि पंकज शर्मा ने उठो दीवानों सुनो इतना एक काम करो, तुम्हारे वक़्त का एक लम्हा मेरे नाम करो, किसी का इश्क़ हैं हम मंदिरों में रहते हैं, तुम्हारी बज़्म में आये हैं तो सलाम करो.. सुनाई। श्राेताओं ने उन्हें कई बार वंस माेर के नारे लगाकर कई गीत सुने।
सेंधवा मध्यप्रदेश के कवि सादिक अली जकी ने मेरा हिंदुस्तान गीत सहित अपनी कई रचनाएं सुनाई। आखिर में डाॅ. राहुल अवस्थी ने एक घंटे तक श्राेताओं काे साथ में लेकर काव्य पाठ किया। कुलपति प्राेफेसर आरपी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस माैके पर यूनिवर्सिटी के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियाें और विद्यार्थियाें के अलावा खासी तादाद में शहर के लाेग उपस्थित थे।