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Guilty Mukesh last hope also broken, petition dismissed - Sabguru News
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निर्भया कांड : दोषी मुकेश की फांसी से बचने की आखिरी उम्मीद भी टूटी, याचिका खारिज

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निर्भया कांड : दोषी मुकेश की फांसी से बचने की आखिरी उम्मीद भी टूटी, याचिका खारिज
notice to the four convicts of Nirbhaya, hearing on Thursday
Hearing on death warrant postponed till January 7 in Nirbhaya case
Guilty Mukesh last hope also broken, petition dismissed

नई दिल्ली। निर्भया के हत्यारे मुकेश की फांसी से बचने की आखिरी कोशिश बुधवार को उस वक्त नाकाम हो गई, जब उच्चतम न्यायालय ने दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ उसकी अपील निरस्त कर दी।

न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की विशेष खंडपीठ ने मुकेश की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसमें कोई आधार नहीं दिखता।

न्यायालय ने निर्भया कांड के गुनहगार मुकेश की दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली अपील पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। खंडपीठ ने मुकेश की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दया याचिका के साथ राष्ट्रपति को पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। पीठ ने कहा कि दया याचिका को खारिज किए जाने को चुनौती देने का कोई आधार नहीं है। विशेष खंडपीठ ने कहा कि दोषियों द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर निचली अदालत, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने विचार किया था और गृह मंत्रालय ने उन्हें राष्ट्रपति के समक्ष रखा था।

राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर सोच-समझ कर फैसला न करने के मुकेश के आरोप पर अदालत ने कहा कि दया याचिका का शीघ्र निपटारा किए जाने का यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रपति ने सोच-समझकर फैसला नहीं किया।

मुकेश की वकील अंजना प्रकाश ने यह भी आरोप लगाया था कि जेल में उसके साथ यौन उत्पीड़न और अत्याचार किया गया था और सभी तथ्यों को राष्ट्रपति के सामने नहीं रखा गया था। वकीलों ने यह भी कहा कि दया याचिका खारिज होने से पहले ही उन्हें एकांत कारावास भेज दिया गया था, जो मानदंडों का उल्लंघन था, इन आरोपों को भी खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि कथित यातना दया याचिका के लिए आधार नहीं हो सकती है और सभी दस्तावेज राष्ट्रपति के सामने रखे गए थे।