Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Shiromani Akali Dal and BJP came together after differences over CAA - Sabguru News
होम Delhi सीएए पर हुए मतभेद के बाद फिर साथ आए शिरोमणि अकाली दल-भाजपा

सीएए पर हुए मतभेद के बाद फिर साथ आए शिरोमणि अकाली दल-भाजपा

0
सीएए पर हुए मतभेद के बाद फिर साथ आए शिरोमणि अकाली दल-भाजपा
Shiromani Akali Dal and BJP came together after differences over CAA
Shiromani Akali Dal and BJP came together after differences over CAA

पंजाब। पिछले दिनों केंद्र सरकार के नागरिकता कानून को लेकर पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल से हुए मतभेद के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ गई थी। लेकिन बुधवार शाम होते होते शिरोमणि दल ने सभी मतभेद भुलाकर एक बार फिर भाजपा में ही विश्वास जताकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में समर्थन देने का एलान भी कर दिया। शिअद के प्रमुख सुखबीर बादल ने दिल्ली में कहा कि ये कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं है, ये भावनात्मक गठजोड़ है, जो पंजाब के लोगों और सिख लोगों के हित के लिए है।

हमारी पार्टी को 100 साल होने वाले हैं। हमें सिख संगत का समर्थन हासिल है। यही नहीं पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जैसा कहेगी वैसा हम करेंगे। बता दें कि इससे पहले शिअद ने दिल्ली विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया था, पार्टी ने इसके पीछे नागरिकता कानून का मुद्दा बताया। दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए सुखबीर बादल के इस निर्णय से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई थी, लेकिन अब भाजपा को राहत मिल गई है।

भाजपा अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा पहली परीक्षा में पास हुए

अभी चंद दिनों पहले ही जेपी नड्डा को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। नड्डा फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। शिरोमणि अकाली दल से खटपट दूर कर भाजपा के साथ मिलाने में जेपी नड्डा का ही हाथ माना जा रहा है। दिल्ली में जब शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो नड्डा भी उनके पास मौजूद थे। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मैं शिरोमणि अकाली दल का आभारी हूं उन्होंने दिल्ली चुनाव में भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। नड्डा ने कहा कि अकाली दल के साथ हमारा गठबंधन सबसे पुराना है। इस मौके पर दोनों दलों के नेताओं ने कहा कि हमारा गठबंधन वैसे ही चलता रहेगा जैसे पहले था।

20 वर्षों से भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन बरकरार है

भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन पिछले 20 वर्षों से चला आ रहा है। हालांकि बीच में कुछ मुद्दों को लेकर जरूर मतभेद उभरे थे लेकिन वह जल्द ही निपटा के फिर दोनों ही दल एक हो गए थे। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मैं पिछले 20 सालों से सुन रहा हूं कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन टूट रहा है, मगर ये बरकरार है और पिछले 20 सालों से कायम है। आपको बता दें कि सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं।

बादल ने कहा, राज्य में शांति और समृद्धि लाने के लिए गठबंधन आवश्यक है। बागी अकालियों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस की बी टीम’ का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य मूल शिरोमणि अकाली दल को कमजोर करना था, जो एक सदी पहले बनी थी।

भाजपा काे कई पुराने साथी छोड़ते जा रहे थे

पिछले कुछ समय से भारतीय जनता पार्टी यानी एनडीए को कई पुराने साथी छोड़ते जा रहे थे। सबसे पहले महाराष्ट्र की शिवसेना पार्टी ने भाजपा को जबरदस्त झटका देते हुए एनसीपी और कांग्रेस साथ मिलकर राज्य में सरकार बना ली थी। उसके बाद झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था। लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रहे रामविलास पासवान मोदी सरकार में खाद्य मंत्री भी हैं। उसके बाद बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू भी भाजपा से नागरिकता कानून को लेकर आंखें दिखा रही है।

रही सही कसर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरी कर दी थी। अमरिंदर सिंह ने कुछ दिनों पहले अकालियों को केंद्र में गठबंधन छोड़ने की चुनौती दी थी, क्योंकि शिरोमणि अकाली दल ने भारतीय जनता पार्टी से नागरिकता कानून को लेकर किनारे कर लिया था। यही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री ने सीएए के मुद्दे पर हरसिमरत कौर बादल को इस्तीफा देने की नसीहत भी दी थी। अब जबकि शिअद ने एक बार फिर भाजपा को समर्थन देने के एलान से केंद्र सरकार को राहत जरूर मिली होगी।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार