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Sitharaman presented the general budget for the year 2020-21 in Parliament - Sabguru News
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सीतारमण ने वर्ष 2020-21 का आम बजट संसद में पेश किया

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सीतारमण ने वर्ष 2020-21 का आम बजट संसद में पेश किया
Sitharaman presented the general budget for the year 2020-21 in Parliament
Sitharaman presented the general budget for the year 2020-21 in Parliament

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत को दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बताते हुये शनिवार को कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और 2020-21 का बजट आकांक्षी भारत, आर्थिक विकास तथा संवेदनशील समाज की भावना पर केन्द्रित है।

सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए दिवगंत अरुण जेटली को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का शिल्प एवं वास्तुकार बताते हुए कहा कि जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था एकीकृत हुई है और इससे इंस्पेक्टर राज समाप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि सरल जीएसटी रिटर्न प्रक्रिया आगामी एक अप्रेल से लागू की जाएगी। जीएसटी के तहत उपभोक्ताओं को एक लाख करोड़ रुपये के लाभ दिये गये हैं। विभिन्न उत्पादों पर जीएसटी में कमी किए जाने से प्रत्येक परिवार को मासिक व्यय में चार प्रतिशत की बचत हुई है। जीएसटी के लागू होने से 16 लाख नए करदाता जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और जीएसटी भी उन्हीं में से एक है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2006-16 के दौरान 27 करोड़ 10 लाख लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के ऋण में उल्लेखनीय कमी आई है और यह मार्च 2014 के 52.5 प्रतिशत से मार्च 2019 में घटकर 48.7 प्रतिशत पर आ गया।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की प्रमुख नीतियों को लागू करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी देशवासियों के जीवन यापान को आसान बनाने की मंशा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को आकांक्षी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 16 बिन्दु चिन्हित किए गए हैं।

उन्होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे को दोहराते हुए कहा कि इसके लिए उपाय किए गए हैं। प्रधानमंत्री ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान से 20 लाख किसानों को सौर पंप स्थापना में मदद दी जाएगी। जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए ‘किसान रेल’शुरू करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि के लिए नाबार्ड 2020-21 में 15 लाख करोड़ का ऋण देगा।

वित्त मंत्री ने कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए 2.83 लाख करोड़ आवंटित करने की घोषणा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के लिए 69 हजार करोड़ रूपए, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12 हजार 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। शिक्षा के लिए 99 हजार 300 करोड़ तथा कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रूपए, राष्ट्रीय कपड़ा मिशन के लिए 1080 करोड़ रूपए तथा उद्योगों के विकास एवं संवर्धन के लिए 27 हजार 300 करोड रूपए आवंटित किए गए हैं।

वित्त मंत्री ने मोबाइल, इलेक्ट्रानिक उपकरण बनाने तथा सेमिकंडक्टर पैकेजिंग के लिए नई योजना की घोषणा करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से 2019 के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से 248 अरब डॉलर का निवेश आया है।

उन्होंने नई शिक्षा नीति शीघ्र लागू करने का ऐलान करते हुए कहा कि सामान्य श्रेणी के छात्राें के लिए 150 उच्च संस्थानों में प्रशिक्षु कार्यक्रम शुरू होगा। नए इंजीनियरों को शहरी स्थानीय निकायों में एक वर्ष की इंटर्नशिप करना होगा। उन्होंने शिक्षा के लिए 99300 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य के लिए 69 हजार करोड़ रुपए, काैशल विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपए, परिवहन के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए और ऊर्जा एवं नवीनीकरण ऊर्जा के 22 हजार करोड़ रुपए, पाइप से जलापूर्ति के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान करने की घोषणा की।

उन्होंने राष्ट्रीय लाॅजिस्टिक नीति लाने जाने की घोषणा करते हुए कहा कि 100 नए हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गैस पाइपलाइन को 16 हजार किलोमीटर से बढ़ाकर 27 हजार किलोमीटर किया जाएगा। देश की एक लाख ग्राम पंचायतों को भारतनेट से जोड़ने का ऐलान करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया।

उन्होंने कहा कि पीपीपी माडल पर 150 ट्रेनें चलाने की घोषणा करते हुए कहा कि रेलवे ट्रैक के किनारे रेलवे की ज़मीन पर बड़े सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र लगाए जाएंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर पुलिस और डाकघर जैसे सभी सरकारी संस्थानों को डिजिटली जोड़ने का प्रस्ताव है। महिलाओं के विकास के लिए 28600 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि छह लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तक स्मार्टफोन पहुंच चुका है और चालू वित्त वर्ष में इसको बढ़ाकर 10 लाख करने की योजना है। वर्ष 2025 तक देश से तपेदिक उन्मूलन के लिए टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने वर्ष 2024 तक देश के सभी जिलाें में जन औषधी केन्द्र शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पोषण से जुड़े कार्यक्रम के लिए अगले वित्त वर्ष में 35600 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने भारतीय जीवन निगम में आपीओ के जरिये सरकार की कुछ भागेदारी बेचने की घाेषणा की। वर्तमान में निगम में सरकार की 85.78 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

सीतारमण ने बजट में ग्राम पंचायतों को भारतनेट से जोड़ने के लिए 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने डिस्काम के लिए पंरपरागत पुराने बिजली मीटर के स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि भारतीय धरोहर एवं संरक्षण संस्थान की स्थापना होगी।

उन्होंने देश में संपदा निर्माण करने वालों का सम्मान करने का ऐलान करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए 9500 कराेड़ रुपए का आवंटन किया जा रहा है। उन्होंने अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए 85 हजार करोड़ रुपए तथा अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए 53700 हजार करोड़ रुपए का आवंटन करने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि पूरे देश में डेटा सेंटर पार्क बनाने का काम निजी क्षेत्र को देने के लिए नीति बनाई जाएगी। उन्होंंने कहा कि बैंक में जमा के लिए पांच लाख रुपए का बीमा होगा। अभी यह सीमा एक लाख रुपए है।

उन्होंने कहा कि नए बने केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए 30,757 करोड़ रुपए और लद्दाख के लिए 5,958 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि पांच पुरातत्व स्थलों को विकसित किया जाएगा और वहां संग्रहालय भी बनाए जाएंगे।

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उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के ऋण पुनर्गठन से पांच लाख से अधिक एमएसएमई को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में भारत जी 20 की अध्यक्षता करेगा और इसके बैठक के आयोजन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि निर्यातकों को उच्च बीमा प्रदान करने के लिए निर्विक योजना शुरू की जाएगी।

वित्त मंत्री ने नई आयकर व्यवस्था शुरू करने का ऐलान करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में कुल राजस्व संग्रह 22.46 लाख करोड़ रुपए रहने और व्यय 30.42 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक है और जो करदाता पुराने नियम का पालन करना चाहते हैं उनके लिए पुरानी कर दर लागू रहेगी।

उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था में पांच लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं है। पांच लाख से 7.5 लाख रुपए तक 10 प्रतिशत, 7.5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक 15 प्रतिशत, 10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए तक 20 प्रतिशत और 12.5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए तक की आय पर 25 प्रतिशत कर लगेगा। पंद्रह लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 फीसदी कर होगा।

उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था में 100 से अधिक छूट में से 70 को समाप्त किया जा रहा है। नई कर व्यवस्था लागू होने से सरकार को सलाना 40 हजार करोड़ रुपए के आयकर का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जिनकी आय भी 15 लाख रुपए है उनका नई कर व्यवस्था में लाभ होगा क्योंकि उन्हें 2.73 लाख रुपए के कर स्थान पर अब 1.95 लाख रुपए का कर चुकाना होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि लाभांश वितरण कर(डीडीटी) को समाप्त किया जा रहा है और अब कंपनियों को डीडीटी नहीं चुकाना होगा। अब लाभांश प्राप्त करने वालों को कर चुकाना होगा। छूट वाली कंपनी कर व्यवस्था में घरेलू बिजली उत्पादन कंपनियों को भी शामिल किया जा रहा है।