नई दिल्ली। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी ने आज स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन कानून में कुछ भी गड़बड़ी नहीं है इसलिए इसके विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का कोई औचित्य नहीं है और यह कानून किसी भी स्थिति में वापस नहीं लिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवेश वर्मा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि इस कानून को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि दिल्ली के शाहीनबाग में इन कानून के विरोध में जो प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि वह प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हैं जबकि प्रदर्शनकारी वहां देशद्रोही नारे लगा रहे हैं।
वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ऐतिहासिक फैसले ले रही है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर सरकार ने साहसिक कदम उठाया है और सात दशक से वहां अस्थायी रूप से लागू इस व्यवस्था को समाप्त किया है। सरकार का यह निर्णय देश की जनता के भावना के अनुरूप था और इस अनुच्छेद को हटाए जाने के बाद वहां किसी नागरिक की जान नहीं गई है और मोदी सरकार की यह सबसे बड़ी कामयाबी है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीबों और कमजोरों के हितों के काम कर रही है और किसी धर्म तथा प्रांत के साथ बिना भेदभाव के उनके विकास के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री से सम्मानित कुछ लोगों का जिक्र किया और कहा कि उन्हीं लोगों को इस सम्मान के लिए चुना गया है, जिन्होंने सच में बहुत बड़ा योगदान समाज के लिए किया है। सरकार प्रतिभाओं को खोजकर ला रही है और उन्हें पद्मश्री जैसे राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है।
भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री के लिए विपक्षी दलों द्वारा अपशब्दों का इस्तेमाल किए जाने की कड़ी आलोचना की और कहा कि विपक्ष के नेता मोदी की लोकप्रियता को नहीं पचा पा रहे हैं और इससे उनमें हताशा पैदा हो गई है इसलिए उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया की आर्थिक शक्ति बनने की तरफ अग्रसर है।
वर्मा ने कहा कि उनकी सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों और जातियों के विकास के लिए काम कर रही है लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मस्जिदों के इमामों की सैलरी 18 हजार और उनके सहायकों को 16 हजार रुपए प्रति महीना कर दिया जबकि मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथी के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बिना भेदभाव के दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को उसका मालिकाना हक देकर गरीबों के लिए एक बड़ा तोहफा देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहले एक व्यक्ति खांसता था लेकिन आज पूरी दिल्ली खांस रही है। दिल्ली की सरकार ने प्रदूषण के मामले में अपनी जिममेदारी से पीछे हट गई लेकिन केंद्र की सरकार ने कई योजनाएं लाकर प्रजदूषण को नियंत्रित करने का काम किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल यमुना की सफाई में भी पूरी तरह से विफल रहे हैं। यमुना की सफाई में पांच सौ करोड़ रुपए खर्च करने का दावा सरकार कर रही है लेकिन यमुना में कोई ऐसी जगह नहीं जहां पर डुबकी लगाया जा सके।
वर्मा ने कहा कि दिल्लीवासियों को सबसे जहरीला पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है लेकिन उनकी सरकार बनने पर 2024 तक सभी घरों में नल से स्वच्छ जल देने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों और मजबूत इच्छाशक्ति के कारण पड़ोसी देश भी कांप रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग भी सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सबूत मांग रहे हैं उन्हें अगली बार विमान में बिठाकर भेजा जाएगा ताकि स्वयं सबूत देख सकें।
अभिभाषण पर ध्यन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए भाजपा के रामकृपाल यादव ने कहा कि देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भीमराव अम्बेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल, राम मनोहर लोहिया के सपनों को पहली बार मोदी सरकार ने ही सही मायने में साकार किया है।
आजादी के इतने वर्षों बाद भी गरीब, मजदूर, किसान, आदिवासी, पिछड़ों के जीवन में कोई सुधार नहीं हुआ था लेकिन इस सरकार ने इन तबकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएं शुरू की जिनसे उनके जीवन में सुधार आया है। बिना किसी भेदभाव के सरकार अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक भी विकास की रोशनी लेकर गई है। उनकी सरकार ने गांव, गरीब, किसान के हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही है।
उन्होंने सीएए के नाम पर लोगों को गुमराह करने का विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि संसद से पारित कानून के नाम पर संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। आजादी के इतने लंबे अरसे के बाद भी आजादी की मांग की जा रही है। नागरिकता कानून के नाम पर देशभर में जिस प्रकार का माहौल बनाया गया है कि उसकी जांच की जानी चाहिए। ऐसी कौन सी ताकत है जो इन आंदोलनों को हवा दे रही है। इसके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय ताकत तो नहीं है इसकी जांच की जानी चाहिए।