नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ करीब दो महीने से जारी प्रदर्शन में शाहीन बाग की महिलाएं आज मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन कर रही हैं।
शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल एक महिला हिना अहमद ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से यहां के प्रदर्शन का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जामिया हमदर्द में पुलिस की कार्रवाई खिलाफ यहां की महिलाएं मुंह पर काला कपड़ा बांधकर प्रदर्शन कर रही हैं। मौन प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर किसी प्रकार का भाषण नहीं दिया गया।
अहमद ने कहा कि सैंकड़ों महिलाएं सुबह से मुंह पर कपड़ा बांधकर प्रदर्शन कर रही है इसलिए यहां पर किसी प्रकार का शोरगुल नहीं है। प्रदर्शन स्थल पर महिलाओं ने हाथों में पोस्टर लिए हैं जिन पर लिखा है ‘आज मौन प्रदर्शन है। हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं।’ इसके साथ ही कुछ पोस्टरों पर पुलिस बर्बरता बंद करो, जैसे नारे लिखे हैं।
गौरतलब है कि सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग की महिलाएं दक्षिणी दिल्ली को नोेएडा से जोड़ने वाली कालिंदी कुंज मार्ग पर दिन रात प्रदर्शन कर रही हैं। इस सड़क के बंद होने से मथुरा रोड पर भारी जाम लगा रहता है और आसपास के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने शाहीन बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन को खत्म करने को लेकर तत्काल कोई दिशा-निर्देश जारी करने से इनकार करते हुए कल केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि किसी को भी धरना प्रदर्शन करने के उसके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता फिर भी इस बात का खयाल रखा जाना चाहिए कि धरना प्रदर्शन से आम जनता को किसी तरह की कोई समस्या न हो।