श्रीनगर। कश्मीर घाटी के मौजूदा हालात का जायजा लेने के लिए 25 सदस्यीय एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल बुधवार को यहां आ रहा है।
केन्द्र सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त करने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद से यूरोपीय देशों के राजनयिकों और सांसदों का यह तीसरा दौरा है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के विदेेशी सांसदों को कश्मीर आने का न्योता देने और देश के सांसदों तथा अन्य नेताओं को घाटी का दौरा करने से रोकने के फैसले पर रोष जताया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभिन्न यूरोपीय देशों के 25 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आ रहा है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा अन्य नेता पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में हैं।
प्रतिनिधिमंडल को सेना के शीर्ष अधिकारियों के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) की ओर से आतंकवादियों की घुसपैठ तथा नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम उल्लंघन के बारे में भी जानकारी देंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यह प्रतिनिधिमंडल सिविस सोसाइटी के सदस्यों और व्यापारियों से भी मुलाकात करेगा।
सूत्रों के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली वापस लौटने से पहले कुपवाड़ा और उत्तर कश्मीर के बारामुला का भी दौरा करेगा।