अजमेर। क्या आपने घर की छत, किचन, कमरे की दीवारों, रूम्स में सब्जियां उगते देखी हैं? है ना अचंभे वाली बात, लेकिन सच है। स्मार्ट सिटी अजमेर के वाशिन्दे भी इजराइली तकनीक के जरिये घर पर ताजा सब्जियां उगा सकेंगे। प्योर लीव्स फर्म 16 फरवरी को अजमेर में इसकी लॉन्चिंग करने जा रही है। घर पर ताजा सब्जियां उगाने की यह तकनीक अनूठी, आसान व बेहद उपयोगी साबित होगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अजमेर पहला ऐसा शहर है, जिसको यह गौरव हासिल होने जा रहा है।
गौरव पथ पर गेटवेल हॉस्पिटल के पास मेन रोड पर हाल ही में स्थापित प्योर लीव्स के डायरेक्टर अरुण अरोडा व डॉ. राजा मेहता ने बताया कि उन्होंने हाइड्रोपोनिक होम किट सिस्टम एर्गोनोमिक रूप से डिजाइन किया है । यह न केवल इकॉनोमिकल है, अपितु इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। किट में वह सब है, जिससे बीज से फसल की ओर बढत की आवश्यकता होती है।
इस लाजवाब पहल में हाइड्रोपोनिक्स और मिट्टी के बिना खेती के समाधान विकसित किए हैं, जो किसी के लिए भी बेहद आसान है। सबसे बडी बात ये है कि किट में उगाई गई सब्जियों का पोषण मूल्य उच्व है और यह पूरी तरह से कीटनाशक मुक्त है। इस किट को घर, छत सहित कहीं भी कम से कम जगह में लगाया जा सकता है, जहां उसकी देखभाल आसानी से की जा सकती है । इतना ही नहीं इसका लुक चूंकि सजावटी है, इस कारण इसे ड्राइंग रूम में भी लगाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक होम किट सिस्टम का शुरुआती मूल्य दो हजार एक सौ रुपए है । इस सिस्टम में धनिया, पोदीना, मेथी, लेट्यूज, टमाटर, मिर्च, बैंगन, खीरा, भिंडी आदि सब्जियों के अतिरिक्त सभी प्रकार के फूल भी उगाए जा सकते हैं। इस सिस्टम का उपयोग करने के इच्छुक लोगों को उनके बताए गए डिजायन व लागत मूल्य के आधार पर किट तैयार कर उनके निवास स्थान पर लगाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही उनके प्लांट में पैदा की गई सब्जियां का विक्रय आरंभ किया जाएगा।
बनाएं आय का साधन
उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक्स द्वारा सब्जियां को उगा के बेच सकते हैँ एवं इस तकनीक को अपनी आय का साधन भी बना सकते हैं। यह तकनीक उद्योग में काफी महत्वपूर्ण है इसके अलावा, इस तकनीक द्वारा पौधे उगाने में कोई भारी पूंजी की आवश्यकता भी नहीं होती। इस तकनीक को अपना कर आप कम स्थान का उचित उपयोग कर अधिक उत्पादन कर सकते हैं। कृषि उद्योग के लिए हाइड्रोपोनिक्स एक गेम वेंजर साबित हो सकता है।
क्या है हाइड्रोपोनिक्स?
इस तकनीक का इजाद इजराइल में हुआ और विदेशों में इसका बहुतायत में उपयोग हो रहा है। हाइड्रोपोनिक्स एक खेती की तकनीक है जिसमें सब्जियां बिना मिट्टी की मदद से उगाई जाती है। इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को जल द्वारा पौधों की ज़डो तक पहुंचाया जाता है। इस कृषि तकनीक में पौधे एक मल्टीलेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगते हैँ और इनकी जड़ें पाइप के अंदर पोषक तत्वों से भरे धानी मेँ छोड दी जाती है।
सामान्यतया पेड पौधे अपने आवश्यक पोषक तत्व भूमि से लेते हैं। परंतु हाइड्रोपोनिक्स फार्मिंग में पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए यानी मे एक विशेष प्रकार का घोल डाला जाता है। इस घोल में पौधों की पैदावार के लिए आवश्यक खनिज एवं पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। पानी में उगाए जाने वाले पौधों में इस घोल की महीने मे एक दो बार केवल कुछ बूंदे ही डाली जाती है। इस घोल मे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, मैग्रीशियम, केस्थियम, सल्फर, जिंक और आयरन आदि तत्वों को एक विशेष अनुपात मे मिलाया जाता है।
हाइड्रोपोनिक सब्जी उत्पादन का लाभ
मिट्टी की कोई आवश्यकता नहीं है।
केवल घुलनशील उर्वरकों का उपयोग किया जाता है।
सभी पौष्टिक तत्वों को यानी में मिला दिया जाता है और वे हर दिन पौधों को आपूर्ति करते हैँ।
हाइड्रीपोनिक रूप से निर्मित सब्जियां उच्व गुणवत्ता की होती है।
मिट्टी की तैयारी और निराई गुड़ाई समाप्त हो जाती है।
छोटे क्षेत्र मेँ सब्जियों की बहुत अधिक पैदावार पैदा करना संभव है क्योंकि पौधे की वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाता है।
पानी का कुशलता से उपयोग किया जाता है। पौधों को स्वचालित रूप से सिंचित किया जाता है।
मिट्टी से उत्पन्न रोगों का खतरा समाप्त हो जाता है।
हाइड्रोपोनिक उत्पादन कार्बनिक नहीं है क्योंकि कृत्रिम पोषक तत्व ही उपयोग किए जाते हैँ।
हाइड्रोपोनिक खेती से होने वाले लाभ
हाहड्रोपोनिक्स तकनीक से पहाडी, पत्थरीले अथवा रेतीले इलाकों मेँ भी कृषि संभव है क्योंकि इसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती।
अगर आप कम खर्च में अपने घर में ही बागवानी करने के शौक को पूरा करना चाहते हैं तो आप हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से बेहद कम खर्चे में पौधे और सब्जियां उगा सकते हैं।
इस तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पोघे की जडों को कॉकोपिट द्वारा सपोर्ट दिया जाता है, जो
पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करते हैं, और पौधे को स्थिर बेस प्रदान करता है। जरूरत है तो बस पोधों को पोषक तत्वों से भरपूर यानी के घोल के सीधे संपर्क में लाने की।