जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा सतीश पूनिया ने कहा कि खुद को दलितों के उत्थान की बात करने वाली कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है जबकि इस कानून के तहत नागरिकता पाने वालों में 65 प्रतिशत दलित हैं।
डा पूनिया ने रविवार को यहां पत्रकारों से कहा कि सीएए को संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया है। सदन में इस विधेयक पर बहस कराई गयी। उस दौरान सभी दलों के सदस्य मौजूद थे। इसके बावजूद कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। इस कानून के तहत नागरिकता पाने वालों में 65 प्रतिशत मेघवाल, भील एवं अन्य दलित हैं। केंद्र सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य इसे लागू नहीं करने का संकल्प पारित करा रहे हैं, जबकि यह कानून संवैधानिक प्रक्रिया के तहत ही लाया गया है। कांग्रेस के ही बड़े नेता साफ कर चुके हैं कि कानूनन सीएए को लागू करने के लिये सभी राज्य बाध्य हैं। डा पूनिया ने कहा कि इस कानून का विरोध करके कांग्रेस राजनीतिक रोटियां सेंक रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में भय का माहौल बना रहे हैं। वह खुद धरना स्थल पर जाकर संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। वह जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए अशोभनीय एवं निंदनीय है। यहां शहीद स्मारक पर जारी धरने को शाहीन बाग की तरह बताया जा रहा है। इस तरह के धरने राज्य के अन्य स्थानोें पर शुरु करने का प्रयास किया जा रहा है।
डा पूनिया ने अशोक गहलोत को टुकड़े गिरोह का सरगना बताते हुए कहा कि उनकी सरपरस्ती में जिग्नेश, रावण और उमर खालिद टुकड़े-टुकड़े गिरोह के लोग राज्य में आकर माहौल खराब कर रहे हैं। कोटा में इसी तरह के धरने के दौरान लोगों से आमलोगों से अभद्र व्यवहार किया गया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में भी पीएफआई के जरिए अराजकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। पीएफआई का सिमि से सम्बन्ध पाया गया। पीएफआई ही ऐसे धरनों को बढ़ावा देते हुए धन मुहैया करा रही है। राज्य सरकार उन पर लगाम लगाने की बजाय उनकी हौसला अफजाई कर रही है।
डा पूनिया ने कहा कि भाजपा आरक्षण के सदा पक्ष में रही है, और वह अपने इस रुख पर कायम है। आरक्षण पर न्यायालय का फैसला उत्तराखंड के लिए है, पूरे देश के लिए नहीं। यह विवाद भी कांग्रेस की ही देन है क्योंकि उत्तराखंड सरकार ने यह फैसला किया गया था उस समय उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा आज धरने दिए जाने को पाखंड बताया। डा पूनिया ने कहा कि वंचित तबके को आरक्षण देना भाजपा की नीति रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कांग्रेस में नेतृत्व का संकट है। कांग्रेसजनों को मौजूदा नेतृत्व से उम्मीद नहीं है।