अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिले के रूपनगढ़ कास्वां की ढाणी में एक वित्त कम्पनी द्वारा एक मकान की कुर्की की कार्रवाई के दौरान मकान में ही बंद कर दी गई मासूम बच्ची के मामले में पुलिस ने कम्पनी के पांच कर्मियों को नामदर्ज करके दो कर्मियों को कल रात गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस उप अधीक्षक (ग्रामीण) सतीश यादव ने सोमवार को बताया कि कम्पनी के दो अधिकारियों रमन बन्ना एवं भागचंद को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि कांतादेवी, मनीष और राजवीर यादव की तलाश की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 336 एवं 342 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह पुष्कर में एक निजी वित्त कम्पनी की ओर से भेजे गये कुछ लोगों ने ओम प्रकाश के मकान को जबरन खाली करा लिया और दरवाजे पर ताला लगाकर उसे सील कर दिया, लेकिन उस दौरान एक आठ महीने की बच्ची मकान के अंदर ही रह गयी। परिजनों के काफी मनुहार करने के बावजूद उन लोगों ने ताला नहीं खोला।
पुलिस से शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस पर यह मामला जिला कलेक्टर तक पहुंचा और उन्होंने मकान का ताला खुलवाया। इस दौरान बच्ची करीब आठ घंटे तक अंदर ही बिलखती रही। इस घटना से क्षुब्ध पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने मासूम बच्ची को विधानसभा ले जाकर मामले को उजागर किया। उसके बाद राज्य सरकार ने उपखंड अधिकारी अंजु शर्मा एवं थानाधिकारी सुनील बेड़ा को निलंबित कर दिया।