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Madhav university encroachment matter arose in vidhansabha by sanyam lodha - Sabguru News
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पिंड़वाड़ा विधायक ने संयम लोढ़ा द्वारा माधव यूनिवर्सिटी में अतिक्रमण का मामला उठाने पर जताई आपत्ति

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पिंड़वाड़ा विधायक ने संयम लोढ़ा द्वारा माधव यूनिवर्सिटी में अतिक्रमण का मामला उठाने पर जताई आपत्ति
पिंडवाड़ा के भुजेला गांव में स्थित माधव विश्वविद्यालय।
पिंडवाड़ा के भुजेला गांव में स्थित माधव विश्वविद्यालय।
पिंडवाड़ा के भुजेला गांव में स्थित माधव विश्वविद्यालय।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सिरोही जिले के पिंड़वाड़ा तहसील की माधव यूनिवर्सिटी में अतिक्रमण और अवैध निर्माण का मामला उठाया। इस अनियमितता के मामले को उठाने पर आबू-पिंड़वाड़ा के भाजपा के विधायक समाराम गरासिया ने ये कहते हुए आपत्ति जताने का प्रयास किया कि ये मामला उनके क्षेत्र का है लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बैठा दिया। अब सवाल ये है कि यदि अतिक्रमण और अवैध निर्माण की शिकायत सामने आ रही है तो भाजपा विधायक को इसकी जांच हो जाने में आखिर आपत्ति क्यों है?

विधानसभा में संयम लोढ़ा के ध्यानाकरषण प्रस्ताव के माध्यम से सिरोही जिले के पिंड़वाड़ा तहसील के भुजेला गांव में स्थित माधव यूनिवर्सिटी में आवंटन शर्तों का उल्लंघन और अतिक्रमण का मामला उठाया। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के अवकाश पर होने से उच्च शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके जवाब में बताया कि माधव यूनिवर्सिटी में अनियमितता होने 7 अप्रेल 2017 को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री ने तीन सदस्यीय समिति गठित की थी।

समिति ने 7 जून को जो रिपोर्ट सौंपी उसमें कोई गम्भीर अनियमितता नहीं होना पाया। उन्होने बताया कि माधव यूनिवर्सिटी को जिला कलेक्टर द्वारा 15 जून 2012 को मानव भारती चेरीटेबल सन्स्थान को 50 बीघा भूमि आवंटित की गई। इस दौरान आवंटन की शर्त संख्या 4 में उल्लेख किया था कि जिस कार्य के लिये भूमि का आवंटन किया गया था उसका उपयोग उसी हेतू किया जाना चाहिये।

सरकार ने बताया कि माधव यूनिवर्सिटी ने जो अतिक्रमण किया था उसके दो प्रकरण नायब तसिलदार भांवरी के पास दर्ज हुआ। तब नायब तहसीलदार ने इसे इसलिये ड्रॉप कर दिया कि तरमीम का प्रकरण विचाराधीन था। निर्णय में ये भी था कि यदि तरमीम में अतिक्रमण पाया जाता है तो प्रकरण को फिर से प्रस्तुत किया जाये।

सरकार ने अपने जवाब में आगे बताया कि पिंड़वाड़ा के उपखंड अधिकारि ने 14 सितम्बर 2016 को तर्मीम दुरुस्ती के आदेश दिये। इसके बाद 20 फरवरी 2018 को तत्कालीन उपखंड अधिकारी ने इस निर्णय को अपास्थ कर दिया। मंत्री ने सदन को बताया कि इसके बाद पिंड़वाड़ा उपखंड अधिकारी द्वारा 17 फरवरी 2020 को गठित कमेटी द्वारा सीमांकन करवाया गया।

इसमें माधव यूनिवर्सिटी मानव भारती चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा मौजा भुजेला के खसरा नम्बर 1/146 में रकबा 4 बीघा 15 बिस्वा भूमि पर अवैध निर्माण अवैध रूप से बहुमंजीला भवन एवं परकोटा निर्माण किया गया तथा मैदान पर कब्जा कर अतिक्रमण किया गया। इसका प्रकरण संख्या 188/2020 दर्ज किया गया। जिसकी अगली सुनवाई 28 फरवरी 2020 को है। सरकार ने बताया कि उक्त भूमि पर अतिक्रमण करके जो निर्माण किया गया था उसे हटा दिया गया था जिसका मलबा हटाने का आदेश नायब तहसील्दार को दिये हैं।

सरकार ने बताया कि सन्स्थान द्वारा किन्वरली वन खण्ड की भूमि पर भी अनधिकृत कब्जा करके निर्माण किया गया था।सरकार ने बताया कि यूनिवर्सिटी के बाहर दुकानें बनी हुई हैं। यहीं नहिं करीब 27 हजार वर्गफुट निर्माण नेशनल हाईवे की रोड सीमा 132 फीट के दायरे में पाया गया। मंत्रि के जवाब के बाद लोढ़ा ने सपलिमेंट्री सवाल किया तो पिंड़वाड़ा विधायक ने ये मामला उनके क्षेत्र का होने की बात कहते हुए आपत्ति जताई। इस पर विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें बैठ जाने को कहा बाद में फिर आपत्ति जताने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपका मामला होगा, आपको अधिकार था बोलने का।

आप भी मामले लेकर आइये कोई मना कर रहा है क्या? इसके बाद पिंड़वाड़ा विधायक बीच में नहीं बोले। इसके बाद लोढ़ा ने कहा कि क्या सरकार यूनिवर्सिटी की अनियमितता सामने आने के बाद इस प्रकरण में शामिल कलेक्टर और दोनो उपखंड अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मंशा रखती है। इस पर मंत्रि डोटासरा ने कहा कि सरकार गैर आवंटित भूमि पर किसी भी तरह का कब्जा होने पर शीघ्र करवाई करेगी।