इस्लामाबाद। पंजाब सरकार ने मंगलवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की क्षमा याचिका यह दलील देते हुए खारिज कर दी है कि इसका समय आठ हफ्ते पहले गुजर चुका है।
राज्य के कानून मंत्री मुहम्मद बशरत राजा ने इस निर्णय को समझाते हुए कहा कि शुरुआत में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री की आठ हफ्ते के लिए जमानत मंजूर कर ली थी, लेकिन उसी बीच आठ हफ्ते निकल गए और अपने आप उनकी जमानत की अवधि दोगुनी हो गई।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने राजा के हवाले से बताया कि ठोस सबूत नहीं होने के कारण प्रांतीय कैबिनेट ने जमानत का विस्तार नहीं करने का फैसला किया है। शरीफ सात साल की जेल की सजा काट रहे हैं और अक्टूबर 2019 में उनका कार्डियोलॉजी का इलाज कराया गया।
इससे पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने नवाज को निर्देश दिया था कि यदि आवश्यक हो तो वह पंजाब सरकार से और राहत की अनुमति ले सकते हैं। बशरत ने कहा कि आज तक नवाज को लंदन के किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है।
शरीफ के स्वास्थ्य के बारे में पंजाब सरकार के साथ कुछ भी साझा नहीं किया गया है और यह स्थिति गंभीर बनती जा रही है। पीएमएल-एन प्रमुख पाकिस्तान में हफ्तों तक अस्पताल में भर्ती रहे और उनकी स्थिति ‘बहुत’ गंभीर बताई गई। उन्हें 27 अक्टूबर को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने चिकित्सा आधार पर आठ सप्ताह को जमानत मंजूर कर ली थी।