नई दिल्ली। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मुसलमानों से भेदभाव किए जाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया तथा नागरिकता संशोधन कानून एवं दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए उस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
भारत की दो दिन की यात्रा पूरी करने के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने भारतीय, अमेरिकी एवं अन्य विदेशी मीडिया के प्रतिनिधियों के सवालों के खुलकर जवाब दिए।
अमरीकी राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बारे में भी टिप्पणी करने से इन्कार किया और इस बात का भी खंडन किया कि उन्होंने कश्मीर को लेकर भारत एवं पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की कभी कोई पेशकश की है। उन्होंने आतंकवाद को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि वह भारत एवं पाकिस्तान के साथ मिल कर इस समस्या का हल करना चाहते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के साथ उनकी भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव किए जाने के बारे में कोई बात हुई, अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी मोदी के साथ भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बात हुई है। मोदी धार्मिक स्वतंत्रता के पक्षधर हैं और उन्होंने बहुत अच्छा जवाब दिया और प्रभावी ढंग से अपना रुख जाहिर किया। उन्होंने मुझे बताया है कि 20 करोड़ मुस्लिम इस देश मे रहते हैं और वह मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
अमरीका में मुस्लिमों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध के बारे में सवाल पर ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ये प्रतिबंध धर्म के आधार पर नहीं लगाया बल्कि अनुशासन के कारण लगाया है। हम नहीं चाहते हैं कि उन देशों के लोग अमरीका में आएं जो अपने यहां हिंसा में लिप्त हैं।
सीएए और दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा के बारे में सवाल पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि हमने धार्मिक स्वतंत्रता पर बात की। मोदी चाहते हैं कि सब लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता हो। उन्होंने इसके लिए काफी प्रयास भी किए हैं। मैंने कुछ नितांत व्यक्तिगत हमलों के बारे में सुना है लेकिन मैंने उन पर बात नहीं की। यह भारत का अपना मामला है। मैं यह भारत पर छोड़ देना चाहता हूं और उम्मीद है कि वे अपने लोगों के लिए सही निर्णय लेंगे।
कश्मीर पर मध्यस्थता के उनके पुराने प्रस्ताव के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी कश्मीर पर मध्यस्थता की बात नहीं की। कश्मीर निश्चित रूप से भारत एवं पाकिस्तान के बीच एक बड़ी समस्या है और दोनों देश इस समस्या को सुलझाएंगे। वे काफी समय से इसका प्रयास कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने 370 पर कुछ नहीं कहा। मैं इसे भारत पर छोड़ता हूं।
पाकिस्तान की धरती से पनपने वाले आतंकवाद के बारे में एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर लंबी बात की है। निश्चित रूप से यह एक समस्या है। वे उसका प्रयास कर रहे हैं। मैंने कहा है कि मैं इसके लिए जो भी मदद कर सकता हूं करुंगा क्योंकि मेरे दोनों महानुभावों -प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। जो कुछ भी मैं मध्यस्थता या सहायता कर सकता हूं, मैं करूंगा
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर प्रयासरत है। कश्मीर बहुत लंबे अरसे से लोगों की आंख का कांटा बना हुआ है। हर कहानी के दो पहलू होते हैं। आज हमने आतंकवाद के पहलू पर लंबी बात की है।
भारत एवं अमरीका के बीच व्यापार के बारे में एक सवाल पर ट्रंप ने कहा कि उन्हें व्यापार संबंधी समस्याओं का पता है। उन्होंने कहा कि हमसे पहले जो शासन था उसे नहीं पता था। जैसे चीन के साथ सबने कहा था कि सौदा नहीं कर पाओगे। हमने शुल्क लगाया और उससे हमें अच्छा फायदा हुआ।
उन्होंने हार्ले डेविडसन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बाइक पर भारत बहुत सारे शुल्क लगा रखे हैं। पर जब भारत अमरीका में बाइक बेचता है तो शुल्क नहीं लगता। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जो होता है वह दो तरफा हो। हम जानते है कि भारत के साथ व्यापार घाटा लम्बे समय से चल रहा है। भारत बहुत अधिक शुल्क लेता है। जो हम पहले भारत को देते थे वह अब बंद हो गया है।
उन्होंने भारत की यात्रा में तीन अरब डॉलर से अधिक के रक्षा सौदों को अमरीका की अर्थव्यवस्था के लिए उपलब्धि बताया और कहा कि भारत अमरीका से तेल एवं गैस भी खरीद रहा है। इससे अमरीका को लाभ हो रहा है। जापान से भी अमरीका को सौदों के माध्यम से 40 अरब डॉलर मिल रहे हैं।
अमरीका में भारत के निवेश के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा खिलाड़ी बनेगा। यहां दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है और यह बहुत शानदार देश है। भारत के लोग बहुत कुछ कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में अमरीका बहुत सारे भारतीय आते हैं जो बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि अमरीका में काम करना बहुत बेहतर है। उन्होंने आर्सेलर मित्तल द्वारा अमरीका में स्टील उद्योग को दोबारा खड़ा करने के लिए अरबाें डॉलर के अमरीका में निवेश की सराहना की।
दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने बगदादी और सुलेमानी को मार डाला। जो सड़कों पर बम फेंकते थे, सब मारे गए। उन्होंने सेनाओं के जवानों के जख्मी होने का भी उल्लेख किया और आईएसआईएस के खात्मे के लिए ईरान और रूस से भी सकारात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया।
कोरोना विषाणु के संकट के बारे में उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना की और कहा कि उन्हें जिस प्रकार से काम करना चाहिए, वे नहीं कर रहे हैं। उन्होंने भारत एवं अमरीका द्वारा इससे बचने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन किया और कहा कि अमरीका और भारत दोनों ने इस पर नियंत्रण के लिए बहुत अच्छा काम किया है।