केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा, जल जीवन मिशन के लिए धन की कोई कमी नहीं
नैनीताल। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक बार फिर दोहराया कि जल जीवन मिशन समयबद्ध कार्यक्रम है। मिशन को पूरा करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है।
गुरुवार को जल जीवन मिशन के अंतर्गत ‘सहभागी स्प्रिंग शेड प्रबंधन के माध्यम से पहाड़ों में पीने योग्य पानी की व्यवस्था’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए शेखावत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और तापमान वृद्धि के दुष्परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं।
हमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कस्टोडियन बनकर करना होगा और आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित करना होगा। वर्तमान समय पानी की मांग लगातार बढ़ रही है, परंतु जल संसाधनो में कमी आ रही है। इसलिए सभी का उद्देश्य होना चाहिए कि प्राकृतिक जल स्त्रोंतों के उपयोग के साथ ही उनके रिचार्च की रणनीति बनाकर कार्य करें ताकि जल स्त्रोंतों में किसी भी प्रकार की कमी न हो।
उन्होंने कहा कि नया भारत बिना जल प्रबंधन के नहीं हो सकता है। वर्षा से पानी पूर्व की तरह ही प्राप्त हो रहा है, लेकिन प्रबंधन में कमी आई है। नदियां, तालाब, झरने, सूखने लगे हैं और ग्राउंड वाटर लेवल गिर रहा है। इनका संरक्षण, संवर्धन और पुर्नजीवित करने के लिए कार्यों में गति बढ़ाकर कम समय में अधिक कार्य करने होंगे।
शेखावत ने कहा कि पिछले 70 सालो में जितने घरों तक पेयजल की आपूर्ति की गई, उसके सापेक्ष पांच वर्षों (2019-2024 तक) के लिए लक्ष्य पांच गुना बढ़ाकर देश के 18 करोड़ में से 15 करोड़ ग्रामीण आवासों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को राज्यों और केंद्र सरकार को आपसी तालमेल से पूरा करना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 260 करोड़ हाथ हैं,। वे जुट जाएं तो जल संरक्षण कर देश को जल समृद्ध बनाएं और माताओं-बहनों के जीवन का कष्ट घटाएं। शेखावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ राज्य में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत संचालित होने वाले कार्यों की समीक्षा भी की।