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Uproar in the house over the death of a Dalit youth in police custody - Sabguru News
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दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले को लेकर सदन में हंगामा

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दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले को लेकर सदन में हंगामा
Uproar in the house over the death of a Dalit youth in police custody
Uproar in the house over the death of a Dalit youth in police custody

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज बाड़मेर ग्रामीण थाने में दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले की चर्चा में बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के वेल में आकर नारेबाजी करने एवं सत्तापक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों में नोंकझोंक से सदन में हंगामा हुआ।

शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव के तहत उठाये गये इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं विधायक जोगेश्वर गर्ग तथा मेवाराम जैन के बोलने के बाद विधायक मदन दिलावर ने भी बोलना चाहा लेकिन अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने इसकी अनुमति नहीं दी। दिलावर बोलते रहने पर जोशी ने कहा कि वह उन्हें अनुमति नहीं दे रहे हैं अपनी जगह पर बैठ जाये। इस पर राठौड़ सहित अन्य भाजपा सदस्य खड़े हो गये और वेल में आ गये।

भाजपा सदस्याें ने वेल में दस मिनट से भी ज्यादा देर तक नारेबाजी करते रहे। उन्होंने इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने और पीड़ित के साथ न्याय करने के नारे लगाये। इस दौरान सदन की कार्यवाही चलती रही और भाजपा विधायक अनीता भदेल ने नियम 131 के तहत अजमेर शहर में गुलाबबाड़ी फाटक पर बनाये जा रहे आरओबी के निर्माण में हो रहे अत्यधिक विलम्ब से उत्पन्न स्थिति के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा।

इसी तरह भाजपा सदस्य प्रताप सिंह ने भी इसी नियम के तहत छबड़ा तहसीलदार द्वारा अपने पद का कथित दुरुपयोग कर नियम विरुद्ध कार्य करने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी रखा। भाजपा सदस्य जब वेल में नारेबाजी कर रहे थे तब प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया एवं भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल अपनी जगह पर बैठे रहे।

शून्यकाल समाप्त होने पर जोशी ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से इस मामले की गंभीरता समझने एवं अपनी जगह पर जाकर बैठने का अनुरोध करने पर सदस्य अपनी जगहों पर आ गये और मामला शांत हो गया। इसके बाद कटारिया ने कहा कि पुलिस हिरासत में व्यक्ति की मौत हो जाना गंभीर मामला हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के बारे में सरकार को विचार करके तय करना चाहिए। उन्होंने कहा धमकाने वाली आवाज में मत बोलो, मैं किसी के दबाव में आने वाला नहीं हूं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल भी खड़े हो गये और कहा कि मैं भी दबाव में आने वाला नहीं हूं। इस पर पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से खड़े होकर बोलने से शोरगुल और हंगामा हुआ। जोशी के हस्तक्षेप करने पर मामला शांत हुआ।

बाद में जोशी ने कहा कि ऐसी स्थिति में चर्चा नहीं हो सकती इस पर बाद में दुबारा चर्चा की जायेगी और चर्चा समाप्त कर दी गई।