जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत ने कहा है कि नए भारत की कल्पना देश को जल समृद्ध बनाए बिना नहीं हो सकती है, लेकिन भारत के परिवर्तन की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है, समाज को भी आगे आना होगा।
शुक्रवार को देचू के राजकीय माध्यमिक विद्यालय सगरा में आयोजित आशीर्वाद और विदाई समारोह में ग्रामीणों व विद्यार्थियों के बीच शेखावत ने कहा कि आज पूरा विश्व जिस संकट से जूझ रहा है। उस संकट का समाधान निश्चित रूप से भारत के रास्ते निकलेगा।
भारत में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जहां किसी एक व्यक्ति, एक संस्था या एक ग्राम पंचायत ने प्रयास करना प्रारंभ किया और सबने मिलकर अपने गांव के पानी का ठीक से प्रबंधन किया, वहां परिस्थितियां बदली हैं। यदि किसी गांव से एक व्यक्ति भी इस काम के लिए खड़ा हुआ तो न केवल उस गांव, बल्कि उसके आसपास के कई गांव की परिस्थितियां बदलेंगी।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले दौसा जिले के गांव लापोड़िया जाने का अवसर मिला। इस गांव की परिस्थिति यह है कि भूजल एकदम खराब है। जमीन पर बिल्कुल पानी नहीं था। 30-40 साल पहले लक्ष्मण सिंह नाम व्यक्ति ने गांव में खेतों की मेड़ के पास 20 फीट लंबे और 5-6 फीट चौड़े गड्ढे खोद दिए।
शुरू में गांव के लोग उनकी बात को मानते नहीं थे, लेकिन बाद में पूरे गांव ने उनके साथ जुटकर काम करना प्रारंभ किया। आज केवल लापोड़िया नहीं, गांव के आसपास के 58 गांवों में तीन फसल खेती होती है। आप कुएं से हाथ डालकर पानी निकाल सकते हो, इतना पानी उनकी जमीन में है। इजरायल से लेकर दुनिया के सारे वैज्ञानिक उनके यहां आकर अध्ययन करते हैं।
सबसे कठिन काम मिला
शेखावत ने कहा कि मैं अपने आपको सौभाग्यशाली समझता हूं कि आप सब लोगों ने मुझे आशीर्वाद दिया कि ऐसी विपरीत परिस्थिति में भी अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा। आपके विश्वास के ऊपर पुनः विश्वास करते हुए प्रधानमंत्री ने दुनिया और देश के सबसे कठिन विषय पर काम करने का अवसर दिया है।