चंडीगढ़। पंजाब बारहवीं तक सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, पे कमीशन इसी वर्ष देने तथा नौजवानों को रोजगार दिलाने के मकसद से रिटायरमेंट की उम्र 60 से घटाकर 58 करने, नगरपालिका की सीमा से बाहर यूनिट लगाने के लिए सीएलयू खत्म करने, मंडी बोर्ड फीस चार से घटाकर एक फीसदी करने जैसे ऐलान के साथ पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज जनता पर कोई नया कर न लगाते हुए आज वर्ष 2020-21के लिये 1,54,805 करोड़ रूपए का बजट पेश किया।
यह बजट वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमानों 151697करोड़ से लगभग तीन हजार 108 करोड़ रूपए अधिक है। बादल ने आज विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि उनकी सरकार अपने किए हुए वादों पर खरी उतरी है। उन्होंने अपना पहला बजट पेश करते हुए कहा था कि तीन साल बाद सरकार की स्थिति बेहतर होगी और आज उतार चढ़ाव के बाद अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर खड़ी हुई है। पिछले साल बजट पेश करते समय मेरे मन में निराशा थी क्योंकि दस साल के अकाली राज के वित्तीय कुप्रबंधन एवं फिजूलखर्ची ने आर्थिक उथल-पुथल, अफरा तफरी एवं अव्यवस्था पैदा कर दी थी।
उन्होंने कहा कि अब हम कुछ अपने फैसलों की घोषणा करने की स्थिति में आ गए हैं। बुरा समय गुजर गया। कांग्रेस सरकार पंजाब की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने की अपनी वचनबद्धता पर खरा उतरने में सफल रही है। उन्होंने कर्मचारियों के डीए की किश्त जारी करने, रिटायरमेंट उम्र 58 साल करने, खेतिहर मजदूरों को कर्ज राहत देने सहित कई घोषणाएं कीं तथा इस बजट को प्राइमरी सरप्लस तथा फेयर बजट करार दिया।
बादल ने कहा कि राज्य के वित्त के बारे में बिल्कुल सच्ची तस्वीर पेश करना तथा राज्य के हितों के सजग संरक्षक बनना, वित्तीय आवंटन में निष्पक्ष एवं समानता वाला रवैया रखना, भविष्य पर नजर रख लोगों के कल्याण के लिए किया गया निर्णय ठोस बुनियाद पर खड़ा हो ऐसा उन्होंने सोचा और किया भी। राज्य देश के निर्माण में सदा ही अग्रणीय रहा है। हम वह मजबूत बुनियाद हैं जिस पर यह देश खड़ा है। मेरा उसूल है कि अर्थव्यस्था की हिफाजत के लिये सतर्क रहना।
उन्होंने कहा कि हमारे कड़े प्रयासों से वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 की अपनी पहली रिपोर्ट में करों में राज्य के हिस्से में वृद्धि की सिफारिश की है। भारत सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग की इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। वर्ष 2010 के मुकाबले वर्ष 2020 में पंजाब के सभी वित्तीय सूचक अच्छी स्थिति में है और पंजाब की आर्थिकता पहले से मजबूत है। अगले दो वर्षो मे बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
बादल ने बताया कि 2017 में सत्ता संभालते समय कांग्रेस सरकार को खाली खजाना मिला था। राज्य का खजाना वर्ष 2014-15 में 25 दिनों वर्ष 2015-16 में 7 दिनों और वर्ष 2016-17 में 16 दिनों के लिए डबल ओवरड्राफट की स्थिति में रहा। सरकार के गत तीन वर्षो में हमें एक दिन के लिए भी डबल ओवरड्राफट में जाने की स्थिति का सामना नही करना पड़ा।
अग्रिम अनुमानों से संकेत मिलता है कि वर्ष 2019-20 के दौरान, राज्य की जीएसडीपी वर्ष 2018-19 में 5,21,861 करोड़ से बढ़कर वर्तमान कीमतों पर 5,74,760 करोड़ हो गई है। वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य की जीएसडीपी बढ़कर 6,44,326 करोड़ रूपए हो जाएगी। राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी वर्ष 2018-19 में 1,54,996 रूपए से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 1,66,830 रूपए हो गई है और यह 1,35,050 के राष्ट्रीय औसत से 23.53 अधिक है।
उन्होंने सदन को बताया कि हमने कृषि तथा संबंधित गतिविधियों के कल्याण और विकास के लिए 12,526 करोड़ रुपए के बजटीय आवंटन का प्रस्ताव किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए 13,092 करोड़ रुपए और 4,675 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया गया है।
सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यकों और सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास के लिए क्रमशः 901 करोड रुपए और 3,498 करोड रु़पए बांटने का आवंटन प्रदान किया गया है और खेल और युवा सेवाओं के लिए 270 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, हमारे ग्रामीण और शहरी बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए आवंटन क्रमशः 3,830 करोड़ रुपए और 5,026 करोड़ रुपए है।
सड़कों के आधारभू ढ़ांचे के लिए 2,276 करोड़ रुपए और जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए भी 2,029 करोड़ रूपए और 2,510 करोड़ रूपये जल संसाधन के लिए मुहैया करवाए गए है। सरकारी पैसे पर गरीब का हक सबसे ज्यादा होता है। किसानों, महिलाओं और विकलांगों, युवाओं, एससी/बीसी और अल्पसंख्यकों का बजट में पूरा ध्यान रखा गया है ताकि मानव संसाधन क्षमता में सुधार लाया जा सके।