नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय भडकाऊ बयान देने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने संबंधी याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।
याचिका दायर करने वाले उत्तर पूर्वी दिल्ली के 10 निवासी याचिकाकर्ताओंं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकान्त की पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया तथा तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
उन्होंने दलील दी कि दिल्ली हिंसा में 10 व्यक्ति रोज मर रहे हैं। पिछली रात ही पांच लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले को एक महीने के लिए टालकर गलत किया है। इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए।
इस पर न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, हम याचिका की सुनवाई करेंगे, आपको यह जरूर समझना चाहिए कि हमारे पास इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं है। हम दंगे हो जाने के बाद ही पिक्चर में आते हैं। कोर्ट कभी भी ऐसी घटनाएं घटित होने से नहीं रोक सकती।
गोंजाल्विस ने मामले की सुनवाई के लिए जोर दिया और कल सुनवाई करने का अनुरोध किया। न्यायमूर्ति बोबडे ने, हालांकि कल के बजाय बुधवार को सुनवाई के लिए हामी भर दी।