नई दिल्ली। देश जब मंगलवार को कोरोना वायरस के फैलने से दहशत में था। संसद की कार्रवाई के दौरान भी विपक्ष-पक्ष के नेता एक-दूसरे पर हमला बोल रहे थे। उसी दौरान देश में एक राजनीति की चाल भी चली जा रही थी जिसका केंद्र बिंदु मध्यप्रदेश था। हम अगर कांग्रेस के दावे की बात करें तो भाजपा मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने की पूरी कोशिश कर रही थी। कांग्रेस ने कहा है कि गुरुग्राम में भाजपा हमारे विधायकों को रात भर खरीद-फरोख्त करती रही, लेकिन हमें ऐनमौके पर सूचना मिल गई जिससे भाजपा की ये सियासी चाल हमने विफल कर दी है।
कांग्रेस का दावा है कि भाजपा ने 10 विधायकों को होटल में बंधक बनाया। मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस की आहट से फिर से सियासी बवाल शुरू हो गया है। प्रदेश कांग्रेस और भाजपा के बीच विधायकों की खींचतान का हाई वोल्टेज ड्रामा मंगलवार आधी रात गुरुग्राम के एक होटल में देखने को मिला। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर 10 विधायकों को गुरुग्राम के एक लग्जरी होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया है।
10 में से छह विधायक वापस आने पर कांग्रेस में आई जान
अब कांग्रेस ने दावा किया है कि वो दस में से छह विधायकों को वापस ले आई है। 10 जो आए थे दिल्ली उनमें दो बसपा, एक सपा, तीन निर्दलीय और चार कांग्रेस के बताये जा रहे हैं। छह विधायक जो लौटे हैं उनमे बीएसपी के दो, सपा के एक और ऩिर्दलीय तीन हैं। इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी पर कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का भी आरोप जड़ा। इसके बाद कांग्रेस हरकत में आई और आधी रात को विधायकों को गुरुग्राम के होटल से निकालकर राहत की सांस ली।
यह मामला मंगलवार सुबह से ही चल रहा है जब दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए थे कि उनकी पार्टी के विधायकों को भाजपा चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले जा रही है, जबकि भाजपा ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि यह कांग्रेस की आंतरिक कलह का परिणाम है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में 10 से 11 विधायकों को रखा था, उन्होंने दावा किया कि इनमें से छह से सात विधायकों को भाजपा के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है।
मध्य प्रदेश की सियासी राजनीति का यह है पूरा मामला
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी खुलेआम कांग्रेस पार्टी के विधायकों को 25-35 करोड़ का लालच दे रही है। इस मामले में दिग्विजय सिंह का कहना है कि बीजेपी वाले 5 करोड़ रुपये पहले, फिर 5 करोड़ रुपये राज्यसभा चुनाव में वोटिंग पर और बाकी मध्य प्रदेश में सरकार गिराने पर दे रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने यह भी दावा किया, ‘इन सबके हमारे पास सबूत भी हैं। मध्य प्रदेश के विधायकों को धोखा देकर होटल में लाया गया था। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी के रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, संजय पाठक उन्हें पैसा देने जा रहे थे, अगर कोई छापा पड़ा होता, तो वे पकड़े गए होते।
हमें ऐसा लगता है कि बीजेपी के साथ 10-11 विधायक थे, जिसमें से अब केवल 4 उनके साथ हैं, उन्हें उम्मीद है कि वे भी उनके पास आ जाएंगे। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं। इस समय कांग्रेस के पास 114 विधायकों की संख्या है और बीजेपी के पास 107 विधायकों की संख्या है, बीएसपी के दो और समाजवादी पार्टी के पास एक विधायक है। इसके अलावा चार निर्दलीय विधायक हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार