जयपुर। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रो. एस. के. झाझरिया (प्रोफेसर एमिरिटस) को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड आईटीएसआर-2020 से सम्मानित किया गया है। विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वाई के विजय ने उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया। उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रो झाझरिया को यह सम्मान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल एंड साइंटिफिक रिसर्च (ITSR) की ओर से प्रदान किया गया। जयपुर में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में देशभर के प्रतिष्ठित लोगों और प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट के रूप में कॉर्पोरेट क्षेत्र में 35 वर्षों के लिए अपनी पर्याप्त सेवाओं को प्रदान करने के बाद प्रो झाझरिया 10 वर्षों के अपने समृद्ध अनुभव से आरटीयू, मणिपाल विश्वविद्यालय, जयपुर और भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी, जयपुर जैसे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को लाभान्वित कर रहे हैं।
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल एंड साइंटिफिक रिसर्च (ITSR) तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देने वाला एक संगठन है, जिसने प्रोफेसर झझारिया को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रतिभाशाली और प्रभावशाली प्रोफेसरों में से एक के रूप में मान्यता दी है।
इस अवसर पर प्रो झाझरिया ने कहा, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए मैं तमाम लोगों का शुक्रगुजार हूं। मैंने कभी भी अवार्ड की उम्मीद नहीं की थी, क्योंकि मुझे यकीन है कि इस पुरस्कार के लिए नाॅमिनेट किए गए अन्य लोग भी उतने ही सक्षम थे। मेरा मानना है कि कॉर्पोरेट जीवन में बिताए अपने 35 साल के के दौरान किए गए अपने ईमानदार कार्यों के कारण ही मुझे यह अवार्ड मिला है। यह पहली बार है जब मुझे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला है और जाहिर है कि इसे लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं और इसके लिए बीएसडीयू के हर सदस्य को धन्यवाद देता हूं।
बीएसडीयू के प्रो चांसलर डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीतसिंह पाब्ला ने कहा, प्रो झाझरिया को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलना बीएसडीयू में हम सभी के लिए गौरव और सम्मान का क्षण है। हमारा मानना है कि यह अवार्ड एक वास्तविक प्रतिभाशाली हस्ती को मिला है और निश्चित तौर पर इससे दूसरे तमाम लोगों को बहुत प्रेरणा हासिल होगी।
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के बारे मेंः
2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2020 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ’राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’ का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है।