जयपुर। राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने आज विधानसभा में आश्वस्त किया कि सिरोही जिले की आबूरोड़ नगर पालिका में कथित रूप से व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की जांच कराई जाएगी।
धारीवाल ने शून्यकाल में विधायक संयम लोढ़ा की ओर से इस संबंध में रखे गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि अगर आबूरोड़ नगरपालिका में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार तथा अनियमितता हुई है तो विधायक जिसके लिए कहेंगे उससे जांच करा ली जाएगी।
इससे पहले धारीवाल ने इस संबंध में अपने वक्तव्य मेें बताया कि आबूरोड नगर पालिका कार्यालय में मौजा मानपुर स्थित भूखण्ड़ सख्या 412 के नामांतरण के लिए पत्रावली प्राप्त होने पर सात दिवस की आपत्ति सूचना जारी की गई। आपत्ति मयाद पूर्ण होने पर कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि प्रकरण में पट्टा ग्राम पंचायत आकराभट्टा का जारी होने से पट्टे की विधिक रिपोर्ट पालिका विधिक सलाहकार से ली गई। विधिक सलाहकार की रिपोर्ट में बताया गया कि ‘पट्टा’ ग्राम पंचायत आकराभट्टा द्वारा नियमानुसार प्रस्ताव पारित कर शुल्क जमा करके विधिवत जारी होना बताया गया।
धारीवाल ने बताया कि विधिक सलाहकार द्वारा राय प्रदान की गई कि उक्त पट्टाधारी काना के विधिक उत्तराधिकारी पुत्र पुत्रियों में से पुत्रियों ने जरिये पंजीकृत हक त्याग विलेख के अपना हक त्याग दिया है, उसके पश्चात बचे उत्तराधिकारी पुत्रों ने सर्वाधिकारी पत्रधारी प्रदीप मिश्रा के मार्फत दिनांक एक जून 2018 को प्रार्थी को विक्रय कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जिसका विलेख उप पंजीयक आबूरोड़ में पंजीकृत हुआ हैं। प्रकरण नामांतरण होने से मालिकाना हक के परिवर्तित नामों की चैन को ही देखा जाना होना है तथा उक्त प्रकरण के मालिकाना हक के नामों की चैन पूर्ण है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रभावी वैध रूप से पंजीकृत वैध विक्रय विलेख के माध्यम से प्रार्थी ही उक्त पट्टा नम्बर 66, 29 अगस्त 1972 का काना एकमात्र स्वामी है जिसके नाम का नामांतरण करने में कोई विधिक आपत्ति नहीं है, नामांतरण किया जाना न्यायोचित है। तत्पश्चात प्रकरण में राशि जमाकर नामांतरण स्वीकृत किया गया हैं।