उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पिछले कई दिनों से इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले का इंतजार कर रही थी जिसमें नागरिकता संशोधन कानून के विरोधियों के लखनऊ में लगाए गए पोस्टर के मामले में फैसला सुनाएगी। आखिरकार सोमवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए योगी सरकार को झटका देते हुए प्रदेश सरकार को उपद्रवियों के लगाए गए पोस्टरों को हटाने के आदेश दिए हैं।
हाई कोर्ट ने आज उस मामले में अपना फैसला सुनाया है जिसमें नागरिकता कानून के विरोध में लखनऊ में दिसंबर माह में उपद्रवियों ने हिंसा आगजनी फैलाई थी। सरकारी संपत्तियों में भारी नुकसान होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी आरोपियों से रिकवरी करने के लिए लखनऊ के कई स्थानों पर इनके सार्वजनिक पोस्टर भी लगवा दिए थे। आरोपियों की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका भी दायर की गई थी।
प्रदेश सरकार को 16 मार्च तक हाईकोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट भी पेश करनी होगी
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और रमेश सिन्हा की बेंच ने लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शन में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों की सड़क किनारे लगी फोटो वाले पोस्टर तत्काल हटाने का आदेश दे दिया है। साथ ही 16 मार्च को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट ने रविवार को यानी छुट्टी वाले दिन इस केस में सुनवाई करते हुए सोमवार को आदेश जारी करने की बात कही थी। हाई कोर्ट के फैसले के बाद भले ही योगी सरकार को पोस्टर हटाने के आदेश जारी किए गए हों लेकिन एक बार जरूर है कि ऐसे प्रदर्शनकारियों के हौसले भी और बढ़ेंगे जो कि समाज के लिए खतरा बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार को लगा झटका
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में किए गए प्रदर्शनकारियों से प्रदेश की योगी सरकार रिकवरी करने में लगी हुई थी। मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर कई जिलों के पुलिस प्रशासन अफसर उपद्रवियों पर शिकंजा कसते हुए वसूली करने में लगे हुए थे। दूसरी ओर सरकारी संपत्ति में हुए भारी नुकसान पर योगी आदित्यनाथ भी आरोपियों को राहत देने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं थे।
योगी सरकार के द्वारा लगाए गए सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टराें से प्रदेश सरकार की राजनीति गर्म हो गई थी कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी पर तानाशाही के आरोप भी लगाए थे। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को जबरदस्त झटका लगा है। इन होर्डिंग्स में 53 लोगों के नाम, उनकी तस्वीर और पता दर्ज है। पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी और सामाजिक कार्यकर्ता और अभिनेत्री सदफ जफर का भी इसमें नाम है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार