नई दिल्ली। रेलवे के निजीकरण का विरोध करते हुुए मंगलवार को राज्यसभा में कहा गया कि रेलवे की विभिन्न सेवाओं में रिक्त पदों को शीघ्र से शीघ्र भरा जाना चाहिए जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सके।
बहुजन समाज पार्टी के वीर सिंह ने सदन में रेल मंत्रालय के कार्यकरण पर आगे चर्चा आरंभ करते हुए कहा कि रेल सेवाओं निजीकरण हो रहा है। सरकार ने 150 रेलगाड़ियां निजी सरकारी भागीदारी के तहत चलाने की घोषणा की है।
इससे साफ है कि रेलवे की नौकरियों में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण समाप्त हो जाएगा। रेलवे देश में सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है लेकिन बहुत से पद रिक्त पड़े हैं। सरकार को इन पदों को जल्दी से जल्दी भरना चाहिए। उन्होंने कहा कि संभलपुर से गजरौला को रेललाइन के जरिए जोड़ा जाना चाहिए।
इससे क्षेत्र के लोग बरेली और लखनऊ के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जुड़ जाएगें। राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने रेलवे के निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि इससे देश काे भविष्य में भारी नुकसान होगा। सरकारी संपत्ति निजी कारोबारियों के हाथ में जाएगी और रोजगार के अवसर खत्म हो जाएगें।
असम गण परिषद के विरेंद्र कुमार बैश्य ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल नेटवर्क बढाया जाना चाहिए। क्षेत्र में रेललाइन का विद्युतीकरण का काम चल रहा है जिसमें तेजी लायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के दूर दराज के इलाकों को रेल तंत्र से जोड़ने से आम जनता को लाभ होगा और इनमें आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के.के. रागेश ने कहा कि रेल देश की एकता को प्रदर्शित करती है लेकिन सरकार इसे खत्म करने में तुली है। सरकार को रेल के इस पक्ष पर ध्यान देना चाहिए। रेल को अर्थव्यवस्था का इंजन कहा जाता है लेकिन सरकार इसे बेच रही है।
उन्होंने निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि लचीले (फ्लैक्सी) किराये की व्यवस्था समाप्त की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी रेल का निजीकरण सफल नहीं रहा है और इसे फिर से सरकारी नियंत्रण में लाना पड़ा है। उन्होंने केरल के लिए प्रथम श्रेणी की सुविधाओं वाली रेलगाड़ी चलाने की मांग की।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम ने कहा कि रेल देश काे जोड़ती है लेकिन सरकार इसे ही तोड़ने में लगी है। यह यातायात का प्रमुख साधन होने के साथ साथ रोजगार का स्रोत भी है। सरकार को निजीकरण के तौर तरीके छोड़ते हुए रिक्त पदों को भरना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलवे का निजी हाथों में सौंपने की खतरनाक परिणाम होंगे।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के विजय साई रेड्डी ने कहा कि रेलवे का राजस्व घट रहा है जो खतरनाक संकेत है। हालांकि रेलवे परिचालन कुशलता में वृद्धि हुई और दुर्घटनाओं में कमी आयी है जिसकी सराहना की जानी चाहिए। रेलवे में स्वच्छता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वातानुकूलित रेल मालगाड़ियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। इससे रेल के साथ साथ किसानों काे भी लाभ होगा। उन्होंने विशाखापट्टनम- वाराणसी- प्रयागराज और विशाखापट्टनम – बेंगलुरु के लिए घाेषित रेलगाड़ियां जल्दी चलाने की मांग की।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि किसी भी आपदा के समय रेल सबसे पहले पहुंचती है। काेरोना के भय के बावजूद रेलकर्मचारी रेलवे का परिचालन बनाये हुए हैं। इसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी के समय अंतिम समय तक सूचना देने वाले रेल कर्मचारी को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा कि रेल का नेटवर्क बढ़ रहा है लेकिन कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ रही है। सारा काम आउटसोर्स कराया जा रहा है। यह कर्मचारियों के साथ एक धोखा है। वास्तव में ठेकेदार कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि रेलवे में ढ़ांचागत बदलाव लाने की जरुरत है। देश में रेल तंत्र के विस्तार की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए धन की व्यवस्था की जानी चाहिए। काेरोना वायरस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। रेल में भारी संख्या में लोग यात्रा करते हैं। रेलवे काे इसका ध्यान रखना चाहिए।
केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि ने कहा कि रेल विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ती है। केरल में रेल की बहुत आवश्यकता है लेकिन जमीन महंगी होने के कारण जमीन अधिग्रहण में दिक्कतें हैं। सरकार को केरल में ऐलिवेटिड रेल लाइन बनाने के बारे में विचार करना चाहिए। ये रेललाइन मौजूदा रेललाइन के ऊपर बनायी जा सकती है।
भारतीय जनता पार्टी के नीरज शेखर ने कहा कि रेल को लेकर विपक्ष अनर्गल आरोप लगा रहा है। काेरोना विषाणु के प्रकोप के बावजूद रेल सेवायें बहाल रखने के लिए उन्होेंने रेलवे कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रेल का आधुनिकीकरण का काम तेजी से हो रहा है। विद्युतीकरण और रेल लाइनों का दोहरीकरण हो रहा है।