जयपुर। राजस्थान से पहली महिला राज्यसभा सदस्य शारदा भार्गव महिलाओं में सर्वाधिक तीन बार प्रदेश से राज्यसभा पहुंची जबकि प्रभा ठाकुर दो बार सहित अब तक कुल आठ महिलाएं राज्यसभा पहुंची है।
शारदा भार्गव कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में तीन अप्रैल 1952 में पहली बार राज्यसभा सांसद चुनी गई और दो अप्रैल 1956 में कार्यकाल पूरा होने के बाद कांग्रेस ने उन्हें फिर अपना उम्मीदवार बनाया और वह तीन अप्रैल 1956 को दूसरी बार राज्यसभा सदस्य बनी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें लगातार तीसरी बार भी मौका दिया और वह तीसरी बार 22 अगस्त 1963 से दो अप्रैल 1966 तक राज्यसभा सांसद रही। शारदा भार्गव स्वतंत्रता सेनानी एवं लोकसभा सदस्य रहे मुकुट बिहारी भार्गव की पुत्री थी। उन्होंने राजस्थान से पहली महिला राज्यसभा सदस्य बनने का गौरव प्राप्त किया।
कांग्रेस की प्रभा ठाकुर राजस्थान से दो बार राज्यसभा पहुंची। वह दस अप्रैल 2002 से नौ अप्रैल 2008 एवं दस अप्रैल 2008 से नौ अप्रैल 2014 तक राज्यसभा सदस्य रही।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई राज्यसभा की पूर्व उपसभापति नजमा हेपतुल्ला भी राजस्थान से भाजपा उम्मीदवार के रुप में राज्यसभा पहुंची। वह पांच जुलाई 2004 से चार जुलाई 2010 तक प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रही। पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया की पत्नी शांति पहाड़िया दस अप्रैल 1984 से नौ अप्रैल 1990 तक राज्यसभा सांसद रही।
पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्ला खां की पत्नी ऊषी खान तीन अप्रैल 1976 से दो अप्रैल 1982, जमुना देवी बारुपाल चार अप्रैल 2000 से से तीन अप्रैल 2006, नारायण देवी ने तीन अप्रैल 1970 से दो अप्रैल 1976 तक राज्यसभा सदस्य रही।
इसी तरह प्रसिद्ध लेखिका लक्ष्मी कुमारी चुड़ावत दस अप्रैल 1972 से नौ अप्रैल 1978 तक राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रही। राजस्थान से अब तक राज्यसभा पहुंची इन महिलाओं में सात कांग्रेस उम्मीदवार जबकि नजमा हेपतुल्ला भाजपा प्रत्याशी के रुप में राज्सभा पहुंची।
उल्लेखनीय है कि छब्बीस मार्च को राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं और इनमें दो भाजपा एवं दो कांग्रेस उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे हैं। हालांकि दोनों प्रमुख दलों ने इसमें कोई किसी महिला उम्मीदवार को मौका नहीं दिया हैं। राजस्थान से कुल दस सीटों में वर्तमान में नौ भाजपा के तथा एक कांग्रेस का सांसद है। इनमें भाजपा सांसद नारायण लाल पंचारिया, रामनारायण डूडी एवं विजय गोयल का नौ अप्रैल को कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, इस कारण इन तीनों सीटों पर चुनाव होगा।