अहमदाबाद। भारतीय क्रिकेट के धुरंधर बल्लेबाजों में शुमार रहे वीरेन्द्र सहवाग ने आज कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आगामी आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन करने पर भी पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी की टीम इंडिया में वापसी हो सकेगी।
यहां अपने ब्रांड वीएस के पहले स्टोर के उद्घाटन के लिए आये सहवाग ने पत्रकारों से कहा कि आईपीएल में प्रदर्शन के जरिये टीम इंडिया में धोनी की वापसी उन्हें लगभग असंभव लगती है। पहली बात तो यह है कि एक बार जब चयनकर्ता किसी खिलाड़ी को छोड़ कर आगे बढ़ जाते हैं तो आम तौर पर उसकी वापसी बहुत मुश्किल होती है।
दूसरी बात यह है कि अगर यह मान भी लिया जाए कि वह आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर देते हैं तो वह टीम इंडिया में किसकी जगह लेंगे। उनकी जगह आए रिषभ पंत और अभी विकेटकीपिंग कर रहे केएल राहुल को हटाकर जगह ले पाना तो उनके लिए अब लगभग असंभव है। खास कर राहुल का जैसा प्रदर्शन है, उसे देखते हुए धोनी का उसकी जगह ले पाने की बात भी नहीं सोची जा सकती।
कप्तान विराट कोहली के खराब फार्म के बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने कहा कि हर खिलाड़ी के करियर में अच्छा और बुरा दौर आता है। रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉग भी ऐसे दौर से गुजरे थे। विराट की तकनीक या खेलने के अंदाज में उन्हें कुछ खामी नजर नहीं आ रही। अलबत्ता उन्होंने इंगलैंड में चार टेस्ट की सीरिज में और अब पिछले समय में न्यूजीलैंड में कुछ ढीला प्रदर्शन किया। इसमें किस्मत और अन्य बातें भी शामिल होती हैं।
जब भारत में फिर से शृंखला होगी या आगामी आईपीएल में वह निश्चित तौर पर फार्म में वापसी करेंगे। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड में खराब प्रदर्शन के बावजूद हार्दिक पंडया जैसे आलराउंडर की टीम में वापसी से आस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी टी 20 विश्वकप में भारत की टीम को मजबूती मिलेगी। उन्होंने हालांकि कहा कि टी ट्वेंटी मैच में एक खिलाड़ी भी रूख बदल देता है इसलिए इसके मैचों में किसी टीम विशेष को फेवरिट नहीं कहा जा सकता।
घरेलू क्रिकेट विशेष तौर पर रणजी ट्राफी में पहले की दिग्गज टीमों मुंबई और दिल्ली की अब कमजोर स्थिति तथा गुजरात और इस बार की विजेता सौराष्ट्र आदि के बेहतर प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर सहवाग ने कहा कि छोटी टीमों के कम खिलाड़ी भारतीय टीम में खेलते हैं इसलिए उन्हें चोट का खतरा कम होता है और पूरे टूर्नामेंट में टीम एक जैसी रहती है। जबकि दिल्ली मुंबई जैसी टीमों के बड़े खिलाड़ी अक्सर चोटिल होते हैं या खेलने के लिए उपलब्ध भी नहीं होते।