नई दिल्ली। आयुष चिकित्सा पद्धति को बढावा देने और कागजी शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई करने के प्रावधान वाले राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग विधेयक 2019 और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक 2019 को बुधवार को राज्यसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
आयुष राज्य मंत्री पाद यशो नाईक ने विधेयकों पर संयुक्त रुप से हुयी चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति की विश्वनीयता बढाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाये गये हैं। सरकार आयुष चिकित्सकों में विश्वास बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति के देश में एक सौ अस्पताल खोले जा रहे हैं और सभी जिलों में ऐसे अस्पताल खोले जायेंगे।
नाईक ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान दिल्ली में खुल गया है और प्रतिदिन 2000 लोग उपचार कराने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को भी बढावा देना चाहती है और इनके लिए अलग से विधेयक लायेगी।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर दुनिया में लोगों की दिलचस्पी बढ रही है और 14 देशों ने इस संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इसी प्रकार से 18 राज्यों में 28 सूचना केन्द्रों की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि विधेयकों के पारित होने से अब चार स्वायत्त बोर्ड का गठन किया जा सकेगा तथा भारतीय चिकित्सा पद्धति केन्द्रीय परिषद में सुधार किया जा सकेगा।