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अजमेर में 'जनता कर्फ्यू' से सडकें सूनी, लोग घरों में बंद - Sabguru News
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अजमेर में ‘जनता कर्फ्यू’ से सडकें सूनी, लोग घरों में बंद

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अजमेर में ‘जनता कर्फ्यू’ से सडकें सूनी, लोग घरों में बंद


अजमेर में पूरा शहर ‘जनता कर्फ्यू ग्रस्त’ है। शहर सहित पूरे जिले में लोग स्वेच्छा से घरों में बंद हैं और क़ई लोगों ने अपने घरों, मकानों के ताले भी नहीं खोले। अजमेर शहर में दरगाह शरीफ से जुड़ा दरगाह बाजार व प्रमुख बाजारों में पुलिस गश्त जारी है।

अजमेर शहर में रविवार सुबह से ही जनता कर्फ्यू का असर देखने को मिला। शहर में पहली बार दरगाह रोड सूनी नजर आई। सुबह 7 बजे से ही पुलिस की गाड़ियां माइक के जरिए शहरवासियों से घरों में बंद रहने की अपील करते हुए घूमती रही। अजमेर व्यापार संघ के आह्वान पर शहर के सभी प्रमुख बाजारों जैसे मदार गेट, दरगाह बाजार, केसरगंज बाजार की सभी दुकानें बंद रही। शहरवासी घरों में बंद रहे।

अजमेर में देशभर जैसा ही माहौल नजर आया। यहां भी सभी प्रतिष्ठान और बाजार सुबह बंद रहे। भीड़भाड़ से भरे रहने वाले बस स्टेंड गांधी भवन चौराहा स्टेशन रोड कचहरी रोड केसरगंज सहित प्रमुख मार्गो पर भी सुबह सन्नाटा पसरा रहा। सुबह से लोग नजरें टीवी चैनलों पर चल रही खबरों पर गड़ाए हुए हैं।


युवा लोग अपने मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त बीता रहे हैं। वहीं, पुलिस के अधिकारी अपने जाब्ते के साथ इलाके में गश्त करते नजर आए। शहर में इक्का दुक्का कुछ जगहों पर लोग सड़क पर आए। जहां पुलिस ने उन्हें समझाइश कर तो कहीं सख्ती कर वापस भगा दिया।

पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुबह से ही स्थिति पर नजर बनाए रखे हुए हैं। वहीं, शहर में आपात सेवाओं से जुड़ी मेडिकल और राशन की दुकानें खुली रहीं।

तारागढ़ पहाड़ी स्थित हजरत मीरां साहब की दरगाह के साथ साथ सरवाड़ कस्बे में स्थित ख्वाजा फखरुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में भी जायरीनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है जबकि यहां पच्चीस मार्च को सालाना उर्स का झंडा चढ़ना है। तीर्थराज पुष्कर में भी सरोवर एवं ब्रह्मा मंदिर के अलावा पूरे कस्बे में सन्नाटा पसरा है।


तारागढ़ मीरां साहब की दरगाह में भी कोरोना वायरस के कारण बंद रखा गया है। ज़ायरीन की आवक पर कमेटी ने रोक लगा दी है। कहा जा रहा है कि बीते 900 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब मीरां साहब की दरगाह बन्द हुई है। तारागढ पर क़रीब 700 मकान की आबादी है। यहां सभी दूकानें बन्द हैं। बस्ती के सभी बच्चे, बूढ़े, महिलाएं अपने अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।

दरगाह शरीफ की कुछ खास रस्मों को निभाने की जिम्मेदारी खादिमों की है। उनमें से चन्द लोग दरगाह में खिदमत अन्जाम दे रहे हैं। शनिवार को और रविवार सुबह दरगाह मीरां साहब के अन्दर आस्ताना ए आलिया में सैयद रब नवाज़ जाफ़री गद्दी नशीन दरगाह मीरां साहब ने देश, दुनिया के लिए अल्लाह से दुआ की।