जयपुर। राजस्थान में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में कोरोना वायरस से पीड़ित और संदिग्ध मरीजों को तुरंत राहत देने के लिए राज्य सरकार ने एसएमएस स्थित ‘चरक भवन’ को कोरोना ओपीडी एंड केयर यूनिट बनाने का फैसला लिया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने रविवार को बताया कि एसएमएस में वर्तमान लगभग 20 वार्ड्स को खाली करवाकर कोरोना पाॅजीटिव मरीजों के लिए 500 बैड की व्यवस्था के आदेश जारी किए गए हैं। कोरोना से पीड़ितों को एक ही जगह पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि 23 बैड का आइसीयू भी कोरोना से पीड़ित मरीजों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा यहां 30 बैड के वैकल्पिक आईसीयू की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही यहां 30 वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एसएमएस में अब सामान्य सर्जरी नहीं की जाएगी।
एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी ने बताया कि एसएमएस में पहले से भर्ती मरीजों की स्क्रीनिंग करके उन्हें या तो डिस्चार्ज कर दिया जाएगा या फिर उन्हें किसी अन्य वार्ड में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्य भवन के 20 वार्ड में करीब 500 कोरोना प्रभावित व्यक्तियों को भर्ती करने की व्यवस्था की गई है।
चरक भवन के प्रथम और द्वितीय तल कोरोना संदिग्ध रोगियों के लिए आईपीडी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एसएमएस में विभिन्न विभागों की यूनिट्स को मिलाकर एक विभाग बनाया जा रहा है। विभागवार सामान्य वार्डस बनाए जा रहे हैं।
निजी अस्पतालों, निजी मेडिकल कॉलेजों में 25 प्रतिशत बेड्स आरक्षित
राज्य सरकार ने निजी बड़े अस्पतालों एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में 25 प्रतिशत बेड्स को कोरोना वायरस के संक्रमित संदिग्ध रोगियों के लिये आइसोलेशन वार्ड के लिए रूप में आरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।
राजस्थान राजपत्र के विशेषांक में रविवार को प्रकाशित इस अधिसूचना के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य के 100 या अधिक बेड्स क्षमता वाले निजी अस्पतालों एवं निजी मेडिकल कॉलेजों को 25 प्रतिशत बेड्स कोरोना वायरस से संक्रमित या संदिग्ध रोगियों के इलाज के लिये आइसोलेशन वार्ड के लिए आरक्षित रखने के लिये पाबंद किया गया है।
इसके अलावा आईसीयू में भी 25 प्रतिशत बेड्स आरक्षित रखने के साथ ही समस्त आवश्यक उपकरण एवं औषधियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।