सबगुरु न्यूज-सिरोही। प्रधानमंत्री के आह्वान पर रविवार शाम पांच बजे जिन कोराना फाइटरों के सम्मान में थालियां और तालियां पीटी थी वे ही अब प्रशासन की रातों की नींद उड़ाए हुए हैं।
प्रशासन ने भी ऐसे लोगों के छद्म बहानों की स्क्रुटनी शुरू कर दी है। पूरा जिला प्रशासन महामारी को रोकने के लिए अपनी नींद झोंका हुआ है, ऐसे में लॉक डाउन का पेनिक फैलाने वाले लोगों ने सबसे ज्यादा नींद आबूरोड और रेवदर के प्रशासनिक अधिकारियों की हराम की हुई है।
~दो रात से सो नहीं पाए अधिकारी
जिले में सबसे ज्यादा हाई रिस्क क्षेत्र आबूरोड और माउण्ट आबू को माना गया है। यहां पर बाहर से आने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी। ऐसे में यहां पर एहतियातन होम कोरेंटाइन में रखे गए लोगों की संख्या भी ज्यादा है।
जल्द से जल्द सर्वे करके ट्रेवल हिस्ट्री के अनुसार आगे की कार्रवाई के लिए कोरोन फाइटर वैसे ही आराम नहीं कर पाए। ऐसे में रविवार रात को बॉर्डर सील होने के बाद बाहर से आने वाले लोगों ने आबूरोड और रेवदर क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों की नींद और हराम कर दी है।
~वाकई जरूरतमंद भी होंगे प्रभावित
जिले में अधिकांश लोग इलाज के लिए गुजरात जाते हैं। बॉर्डर सील होने के बाद सबसे ज्यादा टेंशन में यह लोग हैं। उनकी चिंता भी वाजिब हो सकती है, लेकिन प्रशासन की जवाबदेही उनकी चिंता से ज्यादा बड़ी है। उन्हें एक अनजार दुश्मन से जिले के दस लाख लोगो की सुरक्षा करनी है। ऐसे में बीमारी के लिए बार्डर पार करने वालों के लिए विशेष व्यवस्था और सख्ती कर दी है।
माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी डॉ रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि इमरजेंसी केस में बॉर्डर को पार करने के लिए उन्होंने टोल नाके पर यह निर्देश दिए है कि वह इसका संदेश उन्हें भेजें और इमरजेंसी में ऐसे लोगों को अनुमति दे रहे हैं। लेकिन, बीमारी के बहाने लोग अमदाबाद, महाराष्ट्र, तमिलनाडू आदि से आने का बहाना भी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि रुटीन चैकअप के लिए किसी को भी न तो बार्डर पार करे जिले में आने दिया जाएगा न ही बाहर जाने दिया जाएगा। उन्होंने अपील की कि जो भी व्यक्ति जहां है वहीं रहे, हर राज्य में कोरोना को लेकर वैसी ही सतर्कता और जवाबदेही है जैसी सिरोही में, ऐसे में कोई भी किसी भी सूरत में अपनी जगह नहीं छोड़े। जहां है वहीं पर घर में रहे और अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करें।
~इनका कहना है…
हम लोग दो रातों से सोये नहीं हैं। लोग जहां हैं वहीं रहें। बहुत इमरजेंसी केस में उपचार के लिए गुजरात जाने की अनुमति वे दे रहे हैं। रुटीन चेकअप के लिए किसी को भी बॉर्डर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो जहां हैं वहीं अपने घरों में ही रहकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करें यही उनकी प्रशासन और समाज के लिए सबसे बड़ा सहयोग होगा।
डॉ रविंन्द्र कुमार गोस्वामी
उपखण्ड अधिकारी, माउण्ट आबू।