सबगुरु न्यूज-सिरोही। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए राजस्थान में लॉकडाउन का बुधवार को चौथा दिन है। प्रशासन ने लॉक डाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना पर जो अपील की उसका असर दिखने लगा है। अब अगले चरण में दैनिक मजदूरी और बेघर परिवारों में खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था दुरुस्त करने की चुनौति है। शुक्रवार तक यह व्यवस्था दुरुस्त करने पर पूरा जोर देना होगा। न दानदाताओं की कमी है न ही प्रशासन के जज्बे की लेकिन, सामंजस्य के अभाव में गुरुवार को कुछ परिवारों के बीच यह समस्या दिखी। विकेंद्रीकृत व्यवस्था होने से इस समस्या से भी पार पा लिया जायेगा।
जिला प्रशासन ने नगर परिषद को शहर में बेघर और दैनिक मजदूरी पर आजीविका कमाने वाले लोगों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। सिरोही में अम्बेडकर सर्किल के पास बनी झुग्गियों में गुरुवार शाम को खाने की समस्या आई। वहीं गुजरात हॉस्पीटल के पास स्थित गाडोलिया लौहार परिवार भी इसी समस्या से दो-चार होने की बात कहते दिखे।
सबगुरु न्यूज के पास स्थानीय जनप्रतिनिधि का फोन आने पर जब वहां जाकर देखा तो उन्होंने इस समस्या के बारे में बताया। गाडोलिया लौहार परिवार ने बताया कि 21 तारीख को लॉक डाउन की घोषणा के दौरान उनके पास हजार रुपये थे। वह खतम हो गए हैं। अब वह अपना सामान बेचने नहीं जा पा रहे हैं तो कोई आय हो नहीं रही। संभवत: सूचनाओं के आदान-प्रदान में कमी के कारण हुआ हो, जिसे स्थानीय जनप्रतिनिधि दूर कर सकते हैं।
लॉक डाउन में सबसे पहली आवश्यकता ऐसे लोगों तक कच्चा या पक्का भोजन पहुंचाने की है। नगर परिषद सभापति मनु मेवाड़ा ने बताया कि आज ही सिरोही शहर में 200 पैकेट वितरित करवाए गए हैं। कर्मचारियों के माध्यम से यह कच्ची बस्तियों में बंटवाए गए हैं। इनके वितरण के दौरान मात्र एक पार्षद ही आया था। इस व्यवस्था को और दुरुस्त करेंगे।
-पानी की आपूर्ति भी बढ़ाने की आवश्यकता
कोरोना के लॉक डाउन से लोगों का घरों से निकलना बंद हो गया। जो बाहर थे वह भी अपने घरों में आ गए हैं। वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए नियमित समय पर हाथ धोने की सावधानी ने पानी की खपत भी बढ़ा दी है। ऐसे में जरूरत जलदाय विभाग द्वारा पानी की सप्लाई बढ़ाने की भी है। लॉकडाउन के कारण पानी के टैंकरों की सप्लाई भी बंद होने के कारण अतिरिक्त पानी की आवश्यकता वहां से भी पूरी नहीं हो पा रही है।
-अधिक दाम वसूली पर भी कार्रवाई की मांग
लॉक डाउन के दौरान जो तीसरी समस्या सामने आ रही है वह है खाद्य समाग्री के अधिक दाम वसूली की। खुद कांग्रेस जिला प्रवक्ता ने भी इस संबंध में प्रेस नोट जारी करके जिला मुख्यालय पर अधिक दाम वसूली की बात कही गई है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्री की दरें निर्धारित किए जाने की आवश्यकता भी अब नजर आने लगी है। वैसे यह समस्या होलसेलरों और सप्लायरों की तरफ से भी आ रही है। उनके द्वारा भी जिले के दुकानदारों को अधिक दामों में खाद्य सामग्री दी जा रही है। वैसे जिला प्रशासन ने इसके लिए कंट्रोल रूम पर व्यवस्था की हुई है।
-दिखने लगा प्रशासन के अनुरोध का असर
लॉक डाउन के दौरान सडक़ें लगभग सूनी ही रहीं। आवश्यक सामग्रियों की दुकानें खुली हुई हैं। मंगलवार को जिला प्रशासन ने इन दुकानदारों से उपभोक्ता सामग्री खरीदने आने वाले लोगों के बीच समुचित दूरी रखवाने का अनुरोध किया था। इसके परिणामस्वरूप बुधवार को परचूनी, मेडीकल आदि की दुकानों के बाहर केरल मॉडल के आधार पर तीन-तीन फीट की दूरी पर सफेद गोले बना दिए हैं। उपभोक्ता इसमें ही खड़े होकर अपना नम्बर आने पर दुकानदार से अपनी सूची की आवश्यक खाद्य सामग्री ले सकते हैं।
-2060 बैड की व्यवस्था
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेशकुमार ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति में उपचार के लिए 2060 बैड की व्यवस्था कर ली गई है। लोगों के फोन आ रहे हैं जो अपने भवन इसके लिए उपलब्ध करवाने को आगे आ रहे हैं। जरूरत पडऩे पर इन पर और व्यवस्था का इंतजाम है। उन्होंने बताया कि जिले से अब तक भेजे गए संक्रमण के संदिग्धों के 34 सेम्पल नेगेटिव आए हैं। दो सेम्पल्स की रिपोर्ट कल आएगी।