नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संदिग्धों या इसके कारण ‘होम क्वारंटीन’ में रखे गए कुछ लोगों के साथ भेदभाव करने की खबरों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं बल्कि सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किए जाने की आवश्यकता है।
मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आज कहा कि इन लोगों ने समाज में इस रोग को फैलने से रोकने तथा अन्य लोगों को बचाने के लिए खुद को अलग-थलग किया है। कोरोना के संदिग्ध लोगों ने जिम्मेदारी का परिचय दिया है और उनके कारण कोई अन्य संक्रमित नहीं हो इसलिए वे खुद को अलग रखे है। ऐसी स्थिति में उनके साथ अच्छा बर्ताव नही हो, यह एकदम गलत है।
उन्होंने कहा कि यह समय लोगों के बीच एक निश्चित सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) बना कर काम करने का है, ना कि भावनात्मक या मानवीय दूरी बनाने का है। हमें यह समझना होगा कि इन लोगों ने समाज केे दूसरे लोगों को बचाने के ख़ुद को अलग किया है इसलिए उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए एक-दूसरे व्यक्ति से दूरी रखनी है ना कि एक दूसरे से सम्पर्क तोड़ना है। यह समय पुराने रिश्तों में नई ऊर्जा भरने का है और भावनात्मक दूरी को कम करने का है। उन्होंने कहा कि कई लोग उन्हें बता रहे हैं कि इन दिनों उन्हें अपने शौक पूरे करने और नया काम करने का अवसर मिल रहा है। पुराने मित्रों से बात करने और जिन किताबों को पढ़ने का अब तक मौका नहीं मिला, उन्हें पढ़ने का अवसर मिल रहा है।
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