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पलायन कर रहे मजदूरों को लेकर राज्यों के बीच एक सहमति क्यों नहीं बन रही - Sabguru News
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पलायन कर रहे मजदूरों को लेकर राज्यों के बीच एक सहमति क्यों नहीं बन रही

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पलायन कर रहे मजदूरों को लेकर राज्यों के बीच एक सहमति क्यों नहीं बन रही
Why is there no consensus among the states regarding the migration laborers
Why is there no consensus among the states regarding the migration laborers
Why is there no consensus among the states regarding the migration laborers

कोरोना वायरस फैलने के बाद केंद्र सरकार के द्वारा लॉकडाउन किए जाने के बाद पिछले कई दिनों से राजधानी दिल्ली से बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों का पलायन जारी है। अब पलायन कर रहे मजदूरों को लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली की सरकार आपस में टकरा रही हैं। अच्छा होता इन मजदूरों को लेकर तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक सहमति बन जाती।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पहले तो दिल्ली से पलायन कर रहे हैं राज्य के मजदूरों को लेकर चिंतित थे लेकिन जब केंद्र सरकार की ओर से सख्ती की गई तो वे अब सारा दोष दिल्ली की अरविंद केजरीवाल पर डाल रहे हैं। दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो शुरू से ही दिल्ली से बिहार आने वाले मजदूरों के आने के खिलाफ हैं। दूसरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं कि इन मजदूरों को दिल्ली में रहने के हमने कई इंतजाम किए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार उल्टा दिल्ली सरकार पर मजदूरों को भगाने का आरोप लगा रही है।

पलायन अगर नहीं रुका तो कोरोना फैलने का खतरा बढ़ जाएगा

सबसे बड़ी बात यह है हजारों की संख्या में राजधानी से मजदूरों का पलायन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लिए जारी है इनसे तो कोरोना फैलने का खतरा बढ़ गया है। लॉकडाउन के बाद वाहन न मिलने की वजह से लोग पैदल ही अपने घरों की तरफ रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि शहर में वह दिहाड़ी पर काम करते थे और लॉकडाउन की वजह से उनके पास खाने और रहने तक के पैसे नहीं हैं।

ऐसे में उन्हें गांव में ही आसरा मिल सकता है। हालांकि पीएम मोदी ने भी लोगों से अपील की थी कि वे जहां हैं वहीं रहें। इसी को देखते हुए पहले ही सरकार ने रेल सेवा निलंबित कर दी थी। गाजियाबाद-कौशांबी बॉर्डर पर भी हजारों की संख्या में लोग बसों का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी कि दिल्ली से उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों के लिए वह 1000 बसों का इंतजाम करेंगे। इसके बाद लोग दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर बड़ी संख्या में जमा हो गए हैं।

केंद्र ने राज्यों को दिए लॉकडाउन सख्ती से पालन करने के निर्देश

केंद्र सरकार ने राज्यों को सख्ती से लॉकडाउन पालन कराने का निर्देश दिया है। केंद्र ने राज्यों को कहा है कि प्रवासी मजदूरों के लिए सभी इंतजाम किए जाएं, जहां वे मौजूद हैं। केंद्र ने कहा कि मजदूरों को वक्त पर वेतन दिया जाए, केंद्र ने कहा है कि अगर कोई छात्रों और मजदूरों को घर खाली करने कहता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। केंद्र ने कहा है कि राज्य और जिले के बॉर्डर पूरी तरह से सील किये जाएं, ताकि एक राज्य से दूसरे राज्य में और एक जिले से दूसरे जिले में लोगों की मूवमेंट न हो पाए। हाईवे पर किसी तरह की मूवमेंट न होने दी जाए, सड़कों पर सिर्फ सामान ढोने वाले गाड़ियों की आवाजाही की अनुमति होगी केंद्र ने कहा है कि लॉकडाउन लागू कराना जिले के डीएम और एसपी की जिम्मेदारी है।

लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए लिए 29 मार्च को केंद्र सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाए। सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी की तरफ से कहा गया है कि जरूरी वस्तुओं की सप्लाई फिलहाल सुनियोजित ढंग से आम जनता तक पहुंचाया जाए। मजदूरों के सड़को पर मूवमेंट को देखते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बॉर्डर को पुख्ता तरीके से सील किया जाए, जिले और राज्यों की सीमा भी सील हो।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार