कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए आज एक नई भौगोलिक घटना सामने आने वाली है। हम बात कर रहे हैं चंद्रमा की।
आज रात में निकलने वाले चांद को सुपरमून का नाम दिया गया है। यह इस साल का सबसे बड़ा सुपरमून है, सात अप्रैल की रात आसमान से यह पूरी धरती को जगमग कर देगा। सुपरमून को देखने के लिए खगोल शास्त्री उत्सुक बने हुए हैं। सुपरमून के समय चांद अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा और चमकदार नजर आता है।
इस दिन चंद्रमा आकार में करीब 14 प्रतिशत बड़ा दिखाई देता है, इसकी चमक करीब 30 प्रतिशत ज्यादा होती है। इस सुपरमून को पृथ्वी से 3,56,907 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है।आमतौर पर पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी 384,400 किलोमीटर होती है। भारत में ये सुपरमून मंगलवार शाम करीब 8 बजे से दिखने लगेगा। यह अगले दिन यानी 8 अप्रैल तक रहेगा, लेकिन आपको सिर्फ रात में ही दिखाई देगा। सुपरमैन को देखने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बहुत जरूरी है।
आज निकलने वाले चंद्रमा को ‘सुपरमून’ भी कहा जाता है
इस सुपरमून को देखने को इच्छुक लोगों को बता दें कि ये इस साल का सबसे चमकदार और सबसे बड़ा फुलमून होगा। पारंपरिक रूप से अप्रैल पूर्णिमा को गुलाबी चंद्रमा यानी पिंकमून कहा जाता है। वहीं, इस साल इसे सुपर पिंक मून कहा जा रहा है, क्योंकि ये पूर्णिमा के दिन दिखाई देने वाला सुपरमून होगा। पिंकमून का मतलब ये बिल्कुल नहीं कि इस दिन चंद्रमा गुलाबी रंग का दिखाई देगा, बल्कि ये नाम एक गुलाबी फूल से पड़ा है। जो वसंत के मौसम में उत्तर अमेरिका के पूर्व में खिलता है। गौरतलब है कि 9 मार्च से 11 मार्च के बीच 2020 का आखिरी सुपरमून दिखाई दिया था। लोकप्रिय रूप से मार्च के सुपरमून को सुपर वॉर्म मून भी कहा गया था।
भारत में इस सुपरमून को देखने के लिए कोई खास अनुभव नहीं होगा
भारत के खगोल शास्त्रियों को आज रात निकलने वाले सुपरमून को लेकर कुछ निराशा जरूर है, क्योंकि इस घड़ी में जब या चंद्रमा पूरे आकार में होगा तब यहां दिन रहेगा। भारतीय समयानुसार 8 अप्रैल को सुपरमून सुबह 8.05 पर दिखाई देगा, ऐसे में भारत में लोगों को ये घटना आसमान में दिखाई नहीं देगी, क्योंकि यहां दिन का उजाला होगा। इसलिए ऑनलाइन वेबसाइटों पर जाकर आप सुपरमून को लाइव देख सकते हैं।
इसे खगोल विज्ञान में अपोगी की स्थिति कहते हैं। सुपरमून एक विलक्षण घटना है जिसका हम दीदार कर सकेंगे इस पूरे वर्ष चंद्रमा पृथ्वी के इतना करीब कभी नहीं आएगा। चन्द्रमा के पेरीगी स्थिति में पहुंचने के ठीक आठ घंटे और 35 मिनट के बाद चन्द्रमा की पूर्णिमा की अवस्था आएगी।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार